Edited By Vatika,Updated: 09 Jul, 2022 09:47 AM
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अब तक 15 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
जम्मू: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अब तक 15 यात्रियों की मौत हो चुकी है। कई घायल हैं। जहां अभी बादल फटे हैं, वहां पिछले साल भी बादल फटे थे। तब भी महीना जुलाई का ही था, लेकिन पिछले साल कोरोना के चलते यात्रा नहीं हुई थी, इसलिए जानमाल का नुक्सान नहीं हुआ था। वहीं तबाही के बाद की तस्वीरें सामने आई है, जो आपको झंझोड़ कर रख देगी।
अमरनाथ गुफा के दोनों ही रास्ते कच्चे हैं। सड़कें इतनी संकरी हैं कि घोड़ों को भी एक-एक करके भेजा जाता है। गुफा के आसपास अस्थायी टैंट लगे हैं। जो लोग भवन के पास रुकते हैं, उन्हें इन्हीं अस्थायी टैंट में ठहरना होता है। शुक्रवार को जब बादल फटे तो ढेरों अस्थायी टैंट भी बह गए। बादल फटने की घटना पवित्र गुफा के एक से दो किलोमीटर के दायरे में हुई। तेज बहाव के चलते श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टैंट बह गए, जिनमें 3 टैंट लंगर वाले शामिल हैं। वहीं पत्थरों में दबे शव मिले।
मध्य प्रदेश के 35 लोग पंचतरिणी में फंसे
गुफा से 5 कि.मी. पहले पंचतरिणी में मध्य प्रदेश के 35 लोग फंसे हैं। यात्रा संयोजक रिंकू भटेजा ने बताया कि पंचतरिणी तक हालात सामान्य हैं और सभी लोग सुरक्षित हैं, लेकिन जो लोग भवन के पास पहुंच गए हैं, उनकी क्या स्थिति है, इसका अंदाजा नहीं लग पा रहा है। किसी से फोन पर बात भी नहीं हो पा रही है।
सिर्फ जियो का नैटवर्क आता है
भवन के आसपास के एरिया में सिर्फ जियो का नैटवर्क ही आता है। ऐसे श्रद्धालु जिनके पास जियो सिम नहीं है, वे सभी नैटवर्क से बाहर हो गए हैं। वहीं जो लोग बाबा के दर्शन के लिए गुफा में जाते हैं, उनसे मोबाइल और इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस भी पहले ही जमा करवा ली जाती हैं। ऐसे में कई लोगों से उनके घरवाले संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।