Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jan, 2018 04:43 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दरमियान टकराव का माहौल कांग्रेस हाईकमान के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है।
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दरमियान टकराव का माहौल कांग्रेस हाईकमान के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है। सूत्रों मुताबिक कांग्रेस प्रधान राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री को श्री सिद्धू के साथ मतभेद दूर करने का परामर्श भी दिया था परन्तु दोनों नेताओं दरमियान अभी तक मीटिंग संभव नहीं हो सकी है।
कैप्टन और सिद्धू दरमियान मतभेद चाहे कांग्रेस सरकार के होंद में आने से कुछ महीनों बाद ही शुरू हो गए थे परन्तु मेयरों की चयन प्रक्रिया में से स्थानीय निकाय मंत्री को एक तरफ कर देने के साथ मामला जनतक तौर पर सामने आ गया। सिद्धू द्वारा अकाली-भाजपा सरकार समय पर केबल कारोबार पर एकाअधिकार कायम कर चुकी विवादित कंपनी ‘फास्ट-वे ’ और पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया खिलाफ खुल कर मैदान में आना और कुछ चुनिंदे अफसरों खिलाफ कार्रवाई की सिफारिशें आदि को दोनों नेताओं के बीच मतभेद का बड़ा कारण माना जा रहा है। सूत्रों अनुसार मंत्रिमंडल की मीटिंग दौरान भी कई मामलों में श्री सिद्धू खुल कर बोलते हैं।
कांग्रेस सूत्रों अनुसार मुख्यमंत्री की हाल ही में पार्टी प्रधान राहुल गांधी के साथ जब मीटिंग हुई थी तो श्री गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बिगड़ रहे संबंधों के मामले पर बातचीत कर मतभेद दूर करने की सलाह दी थी। मीटिंग दौरान कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद थे। इसी मीटिंग दौरान ही राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा स्वीकृत करने का फैसला लिया गया था। सूत्रों मुताबिक कांग्रेस प्रधान ने श्री सिद्धू को भी मतभेद खत्म करने के लिए कहा था। श्री गांधी के दखल के बाद भी दोनों नेताओं की तरफ से सुलाह के लिए अभी तक कदम आगे नहीं बढ़ाए गए जो चिंता का विषय है।