Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 01:35 AM
सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर अकाली दल तथा कांग्रेस आमने ....
चंडीगढ़: सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर अकाली दल तथा कांग्रेस आमने-सामनें आ डटी है और एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। उच्चतम न्यायालय की ओर से दोनों राज्यों को छह माह का समय दिया जानें के बाद अकाली दल के अध्यक्ष एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब के पास पानी नहीं है तो हरियाणा के साथ समझौता किस लिए। उन्होंने मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह से आग्रह किया वे केद्र से इस मुद्दे पर कोई बातचीत न करें।
उन्होंने कहा कि एसवाईएल समस्या की जड़ कांग्रेस है। उसी के कारण आज तक यह समस्या बनी हुई है। अकाली दल ने पंजाबी तथा पंजाब के हितों की रक्षा की है तथा कुर्बानी भी दी है। वह अब भी इस मुद्दे पर संघर्ष से पीछे नहीं हटेगी। दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने एसवाईएल के मुद्दे को राजनीतिक रंग न देनें का आग्रह करते हुए कहा कि इस संवदेनशील मुद्दे को राजनीतिक रंग से अकाली दल दूर रहे तो अच्छा होगा। जाखड़ ने कहा कि बादल ने भाजपा की सहयोगी होने के बावजूद इस मुद्दे को हल करनें की कभी नहीं सोची क्योंकि वो इसका राजनीतिक लाभ उठानें की फिराक में रही। अब उसकी चिंता यह है कि कहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह इस मुद्दे को हल न करवा लें ऐसे में बादल लोगों को मुंह दिखानें के लायक नहीं रहेंगे।
उधर मुख्य विपक्षी दल के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने एसवाईएल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि पंजाब के फालतू पानी नहीं है। यदि पानी बाहर चला जाएगा तो खेती बंजर हो जाएगी। वैसे ही किसानी बुरे दौर से गुजर रही है। जब पानी नहीं नहीं है तो नहर बनानें का कोई तुक नहीं बनता। उन्होंने पंजाब सरकार से आग्रह किया कि वे इस संवेदनशील मसले पर चर्चा के लिए विधानसभा का विरोध सत्र बुलाकर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास कराए।