अलकायदा है "अंसार गजवत उल हिंद संगठन" का जन्मदाता, पंजाब में रची जा रही थी हमलों की साजिश

Edited By Suraj Thakur,Updated: 10 Oct, 2018 04:16 PM

al qaeda is the creator of ansar gajawat ul hind association

पंजाब और जम्मू कश्मीर पुलिस ने ज्वाइंट सर्च ऑप्रेशन में जालंधर के एक शिक्षण संस्थान से  छापेमारी के दौरान 3 संदिग्ध छात्रों को एक राइफल व विस्फोटक सामग्री के साथ हिरासत में लिया है। ये तीनों अंसार गजवत उल हिंद संगठन के सदस्य हैं। यह संगठन धीरे-धीरे...

पंजाब डेस्कःपंजाब और जम्मू कश्मीर पुलिस ने ज्वाइंट सर्च ऑप्रेशन में जालंधर के एक शिक्षण संस्थान से  छापेमारी के दौरान 3 संदिग्ध छात्रों को एक राइफल व विस्फोटक सामग्री के साथ हिरासत में लिया है। ये तीनों अंसार गजवत उल हिंद संगठन के सदस्य हैं। यह संगठन धीरे-धीरे श्रीनगर की वादियों में अपने पांव पसार रहा है। इस मौके पर punjabkesari.in बताने जा रहा है कि अंसार गजवत उल हिंद संगठन क्या है। इसकी स्थापना किस मकसद से की गई है। पढ़ें ये रिपोर्ट....

अलकायदा की ब्रांच है अंसार गजवत उल हिंद

अंसार गजवत उल हिंद को दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन अलकायदा ने तैयार किया है। साल 2017 में ए.जी.एच. तब दुनिया के सामने आया जब अलकायदा समर्थक चैनल ग्लोबल इस्लामिक मीडिया फ्रंट ने इसके बारे में एक रिपोर्ट दिखाई थी। इस ग्रुप के जरिए अलकायदा कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना चाहता है। इस ग्रुप की खास बात यह है कि इसका मुखिया हिजबुल मुजाहिद्दीन के निष्‍कासित कमांडर जाकिर मूसा को बनाया गया है। ग्रुप को आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद तैयार किया गया था। फिर जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने का ऐलान किया गया था। गौरतलब है कि जाकिर मूसा ने कश्मीर में चल रही तथाकथित आजादी की लड़ाई को इस्लाम की लड़ाई बताया था। इसके बाद हिजबुल मुजाहिद्दीन ने उसे संगठन से बाहर कर दिया था।

बुरहान वानी का दोस्त था अंसार गजवत उल हिंद का मुखिया मूसा.....

जाकिर मूसा  बुरहान वानी का दोस्त था जिसकी मौत के बाद से वादी में तनाव बढ़ गया था। जब अंसार गजवत उल हिंद संगठन अस्तित्व में आया तो ऐसा माना जा रहा था कि मूसा का आकर्षक व्यक्तित्व कश्मीर की युवा पीढ़ी को आकर्षित करेगा जोकि भारत सरकार से असंतुष्ट नजर आती है। मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक ये भी माना जा रहा था कि मूसा कश्मीर में चरमपंथ का चेहरा बदलकर रख देगा, क्योंकि वह पहले से स्थापित स्थानीय संगठनों जैसे हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद से चरमपंथियों को अपने संगठन में शामिल करेगा। यह अभी तक संभव नहीं हो पाया।

कश्मीर के चरमपंथियों को अपने साथ जोड़ने की फिराक में था ए.जीएच

ए.जी.एच ने शुरूआती दौर में कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान की आलोचना करने की वजह से कश्मीर के चरमपंथी संगठनों ने ए.जी.एच. से किनारा करना शुरू कर दिया। दूसरी वजह यह भी थी कि ए.जी.एच. के उप नेता रेहान खान ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान कश्मीर के जेहादी चरमपंथियों को आजादी के नाम पर गुमराह कर रहा है। खान का ये भी आरोप था कि जेहादियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर पाकिस्तान भारत के साथ भी मिला हुआ है। इस वजह से यह संगठन कश्मीर में अलग थलग पड़ गया। हालांकि जाकिर मूसा इस संगठन को अभी भी अपने पांव पर खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान की लगातार आलोचना की वजह से  चरमपंथी समूहों ने इससे दूरी बनाई है।

इसकी वजह इन समूहों को पाकिस्तानी सेना और इंटिलेजेंस समुदाय का कथित समर्थन है। गजवत उल हिंद की तरफ से इस साल मई माह में आखिरी बार वीडियो जारी किया गया था जिसमें कठुआ गैंगरेप का बदला लेने का आह्वान किया गया था। बहरहाल इस संगठन की आतंकी हमलों की साजिश को पंजाब और जेके पुलिस ने नाकाम कर दिया है, नहीं तो इस संगठन के तीन सदस्य किसी भंयकर वारदात को अंजाम दे सकते थे। गजवत उल हिंद के पकड़े गए इन तीनों सदस्यों से पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
 

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