जस्टिस मेहताब गिल को लोकपाल लगाने के विरोध में अकाली दल(Video)

Edited By Vaneet,Updated: 09 Aug, 2018 07:23 PM

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) तथा भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनोर से जस्टिस (अवकाशप्राप्त) मेहताब सिंह गिल की लोकपाल के तौर पर नियुक्त को सहमति न देने की अपील की है।...

चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) तथा भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनोर से जस्टिस (अवकाशप्राप्त) मेहताब सिंह गिल की लोकपाल के तौर पर नियुक्त को सहमति न देने की अपील की है। 

शिअद-भाजपा गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन दिया जिसमें कहा कि जस्टिस गिल इस पद के लिए आवश्यक संवैधानिक, सियासी और नैतिक शर्तों को पूरा नहीं करते। उनकी कांग्रेस पार्टी तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ करीबी संबंध हैं। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से आग्रह किया कि लोकपाल पद पर निष्पक्ष होकर अपने किरदार को निभाने वाला व्यक्ति चाहिए जो निजी हितों को दरकिनार करते हुए लोकहित की नुमांइदी करे। इस मामले में जस्टिस गिल पर भरोसा नहीं किया जा सकता कि वो लोगों से मिलने वाली शिकायतों पर निष्पक्ष तथा स्वतंत्र कार्यवाही करेंगे। 

शिअद तथा भाजपा नेताओं ने कहा कि पंजाब लोकपाल एक्ट (1996) के अनुसार लोकपाल किसी भी सियासी पार्टी से जुड़ा नहीं होना चाहिए। जस्टिस गिल कांग्रेेस पार्टी के पक्के वफादार है। उन्हें 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का घोषणापत्र की प्रारूप कमेटी का सदस्य बनाया गया था। शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि जस्टिस गिल ने अपने कामों से साबित कर दिया कि वो आप पार्टी के नेता सुखपाल खैहरा से मिले हुए हैं। खैहरा ने कांग्रेस सरकार से सौदेबाजी के तहत गिल की लोकपाल पद पर नियुक्ति को सहमति दी थी। गिल की उम्मीदवारी को लेकर दोबारा सहमति लिए जाने की जरूरत है।

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