Edited By Tania pathak,Updated: 13 Sep, 2020 02:51 PM
इससे पहले सुखबीर बादल ने इस ऑर्डीनैंस का बचाव करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से भेजी गई चिट्ठी दिखाई थी जिसमें केंद्र सरकार ने...
चंडीगढ़ (रमनजीत): केंद्र सरकार के कृषि ऑर्डीनैंस पर सरकार की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने यू-टर्न ले लिया है। किसान जत्थेबंदियों के भारी विरोध के बीच अब तक इस ऑर्डीनैंस का बचाव करते आए अकाली दल ने शनिवार को पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग में प्रस्ताव पास करते हुए केंद्र सरकार को अपील की कि वह किसान संगठनों, किसानों व खेत मजदूरों की शंका दूर होने
तक तीनों ऑर्डीनैंस प्रवानगी के लिए संसद में पेश न करे तथा इन्हें पास न किया जाए। इस मीटिंग की अध्यक्षता शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने की।
इससे पहले सुखबीर बादल ने इस ऑर्डीनैंस का बचाव करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से भेजी गई चिट्ठी दिखाई थी जिसमें केंद्र सरकार ने ऑर्डीनैंस के कानून बनने पर भी फसलों का कम से कम समर्थन मूल्य बंद न करने का वायदा किया गया था। किसान जत्थेबंदियों ने यह आशंका व्यक्त की थी कि इस ऑर्डीनैंस के पास होने के बाद केंद्र सरकार कुछ वर्षों बाद फसलों का कम से कम समर्थन मूल्य बंद कर सकती है। किसानों के बढ़ रहे रोष को देखते हुए ही अब अकाली दल ने इस मामले में पार्टी का फैसला बदला है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोर कमेटी ने महसूस किया कि ‘अन्नदाता’ की समस्याओं को दूर करना हमारी जिम्मेदारी है और शिअद किसानों की ओर से उठाए सभी मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोर कमेटी ने कहा कि यह उचित है कि अकाली दल अध्यक्ष केंद्र सरकार के साथ किसानों की चिंताओं पर चर्चा करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें। यह प्रतिनिधिमंडल आने वाले दिनों में किसानों की आशंकाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ मीटिंग करेगा। अकाली दल अध्यक्ष ने कोर कमेटी के सदस्यों से कहा कि हमारे किसानों के भविष्य की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई भी बलिदान बहुत बड़ा नहीं है।
कोर कमेटी की मीटिंग में बलविंद्र सिंह भूंदड़, जत्थेदार तोता सिंह, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, चरनजीत सिंह अटवाल, निर्मल सिंह काहलों, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, गुलजार सिंह रणीके, जनमेजा सिंह सेखों, सिकंदर सिंह मलूका, डा. दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबडिय़ा, बलदेव सिंह मान, जगमीत सिंह बराड़ तथा मनजिंद्र सिंह सिरसा शामिल थे।'