Edited By Vaneet,Updated: 22 Jun, 2018 07:53 PM
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पंजाब सरकार के एक बार फिर बिजली शुल्क में दो फीसदी की वृद्धि की आलोचना करते हुए इसे वापस लेने की मांग की। यहां जारी ...
चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पंजाब सरकार के एक बार फिर बिजली शुल्क में दो फीसदी की वृद्धि की आलोचना करते हुए इसे वापस लेने की मांग की। यहां जारी एक बयान में शिअद नेता और पूर्व वित्त मंत्री परमिंद्र सिंह ढींढसा ने कहा कि पंजाब प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड के ताजा आदेश ने सभी ग्रामीण उपभोक्ताओं पर भारी बोझ डाल दिया है क्योंकि वृद्धि अप्रैल से लागू होगी।
ढींढसा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के एक साल के शासन में बार-बार बिजली दरों, शुल्कों में वृद्धि से घरेलु बिजली 17 से 20 फीसदी महंगी हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्तूबर में सरकार ने एक झटके में घरेलु बिजली दरों में नौ से 12 फीसदी की वृद्धि की थी। तब भी वृद्धि को पीछे जाकर अप्रैल से लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि इसी तरह पिछले साल ही बिजली के बिल के दो फीसदी जितना निगम कर भी लागू किया गया था। बिजली शुल्क इस साल मार्च में भी दो फीसदी बढ़ाया गया था।
ढींढसा के अनुसार इसी साल अप्रैल में घरेलू बिजली दर दो रुपए सत्रह पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई थी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र जिसे पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का वायदा किया गया था, के लिए भी बिजली महंगी की गई। उन्होंने कहा कि पिछड़ी जातियों के लिए रियायती बिजली की सुविधा भी सरकार ने वापस ले ली है और इस तरह हर वर्ग के बिजली उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली की मार पड़ रही है।