शराब को लेकर अकाली दल ने कैप्टन सरकार को घेरा

Edited By Vatika,Updated: 13 May, 2020 06:21 PM

akali dal captain sarkar over liquor

कभी शिरोमणि अकाली दल को नशों के मुद्दे पर घेरने वाली कांग्रेस आज खुद शराब के मुद्दे पर बुरी तरह घिरी हुई है। इसका सीधा फायदा शिअद लेने में जुट गई है।

जालंधर (बुलंद): कभी शिरोमणि अकाली दल को नशों के मुद्दे पर घेरने वाली कांग्रेस आज खुद शराब के मुद्दे पर बुरी तरह घिरी हुई है। इसका सीधा फायदा शिअद लेने में जुट गई है। शिअद के सीनियर नेताओं की ओर से लगातार प्रेस कांफ्रेंस करके कैप्टन सरकार पर हमले बोले जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो अकाली दल के हाईकमान ने आदेश दिए हैं कि किसी भी मुद्दे को खाली नहीं जाने देना है। जहां भी मौका मिले कांग्रेस पर हमले बोलने हैं और लोगों में कांग्रेस को फेल साबित करना है। यही वजह है कि अकाली नेताओं ने सरकार के मुख्य सचिव करण अवतार सिंह व कैबिनेट मंत्रियों में हुए विवाद को अच्छी तरह से भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

कांग्रेस के मंत्री गैरकानूनी शराब के कारोबार में शामिल : सुखबीर
इसी मामले बारे शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि बेहद हैरानी की बात है कि कैप्टन के खासम खास रहे चीफ सचिव को उनकी रिटायरमेंट के 3 माह पूर्व जलील किया जा रहा है। कांग्रेस के विधायक राजा वडिंग ने चीफ सचिव व उनके बेटे के शराब कारोबार में हिस्सेदारी को लेकर जिस प्रकार से पोल खोली है उपको लगता है कि कांग्रेस के सारे मंत्रियों और अधिकारियों के शराब के अवैध कारोबार से सने हैं। अकाली दल के अपने राज में शराब कारोबारका राजस्व 1300 करोड़ से बढ़ाकर 5000 करोढ़ तक पहुंचाया था पर कांग्रेस के मंत्री खुद अवैध शराब के कारोबार में लिप्त होकर मुनाफा कमा रहे हैं जबकि आबकारी विभाग का राजस्व लगातार घाटे में जा रहा है। उन्होने कहा कि मुझे खुद आबकारी अधिकारियों ने बताया कि जब वे कोई अवैध शराब का ट्रक पकड़ते हैं तो उन्हें ऊपर से फोन आ जाता है कि यह कांग्रेसियों का ट्रक है इसे नहीं पकड़ना।सुखबीर ने कहा कि मंत्रियों को अपने सी.एम. पर भरोसा नहीं रहा इसलिए सरकार को अब बस्ति कर देना चाहिए।  

इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना : वडाला
वहीं मामले बारे शिअद के सीनियर नेता व नकोदर से , विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि यह शर्मनाक घटना इतिहास में पहली बार देखी गई है कि किसी सरकार के मुख्य सचिव व कैबिनेट के मंत्रियों में इस कदर विवाद बढ़ गया है कि मंत्रियों ने कैबिनेट का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि शराब के झगडे में साफ हो गया है कि पंजाब के सारे कांग्रेसी शराब के अवैध कारोबार में लगे हैं। जहां आबकारी विभाग का राजस्व 10 हजार करोड़ तक होना चाहिए था वहीं यह लगातार घाटे में जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर करण अवतार सिंह से कांग्रेसी मंत्रियों को इतनी ही दिक्कत थी तो क्यों 3 साल से उन्हें चीफ सचिव के पद पर तैनात रखा है। अगर उनके बेटे की शराब मफिया से सांठगांठ है तो क्यों इस मामले में सी.एम. ने आंखें मूद रखीं हैं। वहीं मामले बारे राजनीतिक माहिरों का कहना है कि जिस प्रकार कांग्रेसी मंत्रियों ने मुख्य सचिव करण अवतार सिंह पर अविश्वास जताया है और जिस प्रकार अकाली दल करण अवतार के हक में उतर कर कांग्रेस को घेर रहा है उससे आने वाले दिनों में कांग्रेस की हालत और खराब हो सकती है। इसके चलते अब न तो कैप्टन करण अवतार को सेवामुक्त कर सकते हैं और न ही अपने मंत्रियों को ही चुप करवा पा रहे हैं।

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