मोदी सरकार द्वारा सिखों को राहत देने पर अकाली दल व कांग्रेस चिंतित

Edited By Vatika,Updated: 01 Oct, 2019 09:30 AM

akali dal and congress worried over modi government giving relief to sikhs

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सिखों को काली सूची में से बाहर निकालना, 8 सिख कैदियों को रिहा करना, पंजाब के भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्व

पटियाला(राजेश पंजोला): केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सिखों को काली सूची में से बाहर निकालना, 8 सिख कैदियों को रिहा करना, पंजाब के भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्व. बेअंत सिंह की हत्या के दोषी भाई बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलना और श्री गुरु नानक देव जी के 550वें जन्मोत्सव मनाने के लिए फंड रिलीज करने के अलावा अन्य कई तरह के सिख हितैषी फैसले करने पर पंजाब की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह और शिरोमणि अकाली दल बेहद ङ्क्षचतित हैं।

जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और बरगाड़ी कांड के मुद्दे पर अकाली दल बुरी तरह घिरा हुआ है, वहीं मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह लगातार पंजाब में पंथक एजैंडा चलाकर अकाली दल से सिख वोट बैंक छीनने में लगे हुए हैं। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जिस तरह से सिखों को खुश करने वाले फैसले लिए जा रहे हैं, उस कारण सिखों के मुद्दे पर सियासत करने वाले अकाली दल के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस बेहद ङ्क्षचतित है। हरियाणा विधानसभा चुनावों में अकाली दल द्वारा अलग चुनाव लडऩे के ऐलान के बाद अकाली-भाजपा के रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है। भाजपा का निशाना 2022 की विधानसभा चुनाव पर है। पार्टी यह चुनाव हरियाणा पैटर्न पर अकेले लडऩे का मन बना रही है। इसी कारण उसने पंजाब को लैबोरेटरी बनाया हुआ है और अलग-अलग तरह के एक्सपैरिमैंट किए जा रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में पंजाब के हिन्दुओं ने भाजपा के हक में डट कर वोटिंग की थी।  पंजाब के हिन्दू लगातार विकल्प की तलाश कर रहे हैं, जिस कारण भाजपा पर दबाव बना हुआ है कि वह अकेले चुनाव मैदान में उतरे। सूत्रों के अनुसार सिख जगत व धर्म गुरुओं के साथ भी मोदी सरकार ने नजदीकी बढ़ा दी है।

पंजाब की राजनीति में अहम महत्ता रखते हुए कई सिख डेरों के साथ भाजपा प्रधान अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य बड़े नेताओं के साथ सम्पर्क बना हुआ है। मार्च 2020 तक भाजपा लगातार पंजाब में एक्सपैरिमैंट करेगी ताकि सियासी रुख का पता चल सके। भाजपा की रणनीति है कि प्रदेश की 117 सीटों में से 50 से अधिक सीटें जीती जाएं। पार्टी को उम्मीद है कि 35 के लगभग हिन्दू उम्मीदवार जीत सकते हैं और अगर भाजपा 15 या 20 के बीच सिख चेहरे जिता लेती है तो पंजाब में सरकार बन सकती है। इसके लिए पंजाब अर्बन और सैमी अर्बन सीटों की पहचान कर ली गई है। अकाली दल और मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह को इस बात की भनक लग गई है कि भाजपा पंजाब में बड़ी तैयारी कर रही है। भाजपा के अकेले चुनाव लडऩे का बड़ा नुक्सान कांग्रेस को होगा, क्योंकि कांग्रेस के साथ जुड़ा हिन्दू वोट बैंक भाजपा के अकेले लडऩे की सूरत में भाजपा के साथ आ जाएगा, जिस कारण कांग्रेस की चिंताएं भी बढ़ी हुई हैं।

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