Edited By Sonia Goswami,Updated: 23 May, 2018 10:50 AM
सिख इतिहास से संबंधित फिल्मों में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के बाद श्री अकाल तख्त साहिब ने सख्ती दिखाते हुए 21 सदस्यीय सेंसर बोर्ड की स्थापना की। अब किसी भी सिख इतिहास से जुड़ी फिल्म बनाने को लेकर पहले बोर्ड से मंजूरी लेनी पडे़गी।
अमृतसरः अकाल तख्त ने आज यह कहते हुए ‘सिख सैंसर बोर्ड’ का गठन किया है कि अब सिखों से संबंधित व उनके धर्म से संबंधित फिल्म बनाने से पहले फिल्म निर्माताओं को यहां से मंजूरी लेनी होगी। पिछले महीने ‘नानक शाह फकीर’ फिल्म की रिलीज को लेकर उपजे विवाद के बाद यह कदम उठाया गया है। यह फिल्म सिखों के पहले गुरु पर बनी है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) ने इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था लेकिन न्यायालय ने इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। अमृतसर में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि प्रत्येक फिल्म निर्माता के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह सिख धर्म या सिखों की विरासत से संबंधित फिल्म बनाने से पहले बोर्ड की अनुमति ले। बोर्ड की सिफारिश के बाद अकाल तख्त फिल्म के बारे में अंतिम फैसला लेगा।