Edited By Updated: 27 Mar, 2017 11:11 AM
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. अजायब सिंह बराड़, जिन्होंने हाल में ही अपने पद से इस्तीफा दिया था, अब बिहार स्टाफ सिलैक्शन बोर्ड की एक परीक्षा में पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार हुए अपने बेटे अनंतप्रीत सिंह बराड़ के साथ शक के घेरे में...
अमृतस(ममता): गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. अजायब सिंह बराड़, जिन्होंने हाल में ही अपने पद से इस्तीफा दिया था, अब बिहार स्टाफ सिलैक्शन बोर्ड की एक परीक्षा में पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार हुए अपने बेटे अनंतप्रीत सिंह बराड़ के साथ शक के घेरे में आ गए हैं। पंजाब सरकार की ओर से उनके कार्यकाल दौरान हुए अलग-अलग कामों की जांच के लिए एक कमेटी जल्द ही गठित की जा रही है।
सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व वी.सी. के बेटे का पेपर लीक में नाम आना बेहद गंभीर मामला है। इससे पहले भी गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के उप-कुलपति का नाम कई मामलों में सामना आता रहा है। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में हुए अलग-अलग घोटालों की जांच के अलावा पूर्व गठजोड़ सरकार की ओर से किए अन्य घपलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह इस मामले में पूरी तरह सुहृदयता के साथ लगे हुए हैं। बिहार सरकार की स्पैशल जांच टीम के घेरे में जी.एन.डी.यू. के वी.सी. भी आ चुके हैं और वह उन पर पूरी नजर रखे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस समय उन्हें विदेश भेजने की ताक में हैं, परन्तु अगर वह विदेश भाग गए तो इसमें पूर्व गठबंधन व केंद्र सरकार की भूमिका होगी।
प्रो. अजायब सिंह बराड़ को विदेश नहीं जाने दिया जाएगा। उनके बेटे अनंतप्रीत सिंह बराड़ ने न सिर्फ बिहार स्टाफ सिलैक्शन बोर्ड द्वारा 1700 क्लर्कों की भर्ती परीक्षा के ही पेपर नहीं लीक किए, बल्कि जी.एन.डी.यू. और पंजाब सरकार की ओर से करवाई 2 परीक्षाओं में भी उसका हाथ नजर आ रहा है। यह सिर्फ एक सिरा मिला है, जिसके बाद एक के बाद एक घोटाले सामने आने की शृंखला शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रो. अजायब सिंह बराड़ कई महीनों से स्वयं और अपने बेटे को बचाने की लड़ाई लड़ रहे थे, क्योंकि स्पैशल जांच टीम ने उनके बेटों की अब गिरफ्तारी की है, जबकि इससे पहले पेपर लीक मामलों में लगभग 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इन आरोपों से बचने के लिए उसने जानबूझ कर वी.सी. के पद से इस्तीफा दिया था, क्योंकि वह पहले ही बादल परिवार के साथ पूरी तरह मिला हुआ था, इसलिए उसे पूर्व सरकार की ओर से अलग-अलग ढंग से लाभ पहुंचाए जा रहे थे। केंद्रीय विश्वविद्यालय जिसके वह मैंबर थे, को भटिंडा तबदील करने में भी बराड़ का ही हाथ था। जालंधर स्थित बस्ती नौ में यूनिवर्सिटी की करोड़ों रुपए की जायदाद को बादलों के इशारे पर ही लुटा दिया था।
पंजाब सरकार की ओर से पटवारियों और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ मैडीकल विज्ञान की मैडीकल परीक्षा में ओ.एम.आर. शीट की सप्लाई और पेपरों की चैकिंग का ठेका दिया हुआ था, जो बिहार स्टाफ सिलैक्शन बोर्ड को वी.सी. के बेटे अनंतप्रीत सिंह बराड़ को दिया गया है। स्पैशल जांच टीम अजायब सिंह बराड़ को शक के आधार पर ही अपनी जांच के घेरे में लेकर आएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर बनने से पहले जी.एन.डी.यू. अपने स्तर पर पुस्तकों का प्रकाशन करती थी, परन्तु वी.सी. ने अपने बेटों के इशारे पर ही इस प्रकाशन और खरीदारी का काम निजी हाथों को सौंपा था। इसमें भी करोड़ों रुपए के घोटाले का शक है।