Edited By Des raj,Updated: 20 Jul, 2018 07:39 PM
क्या आपको मालूम है कि भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण सर्वाइकल कैंसर है? जी हां, एक रिसर्च के मुताबिक 16 से 43 वर्ष की आयु की महिलाओं को सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर का खतरा रहता है और इसमें हर साल 75 हजार महिलाओं की मौत हो...
अमृतसर (संजीव): क्या आपको मालूम है कि भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण सर्वाइकल कैंसर है? जी हां, एक रिसर्च के मुताबिक 16 से 43 वर्ष की आयु की महिलाओं को सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर का खतरा रहता है और इसमें हर साल 75 हजार महिलाओं की मौत हो रही है। महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाले एच.पी.वी. (ह्यूमन पैपीलोया वायरस) गंभीर रूप लेने पर सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है।
अमृतसर में महिलाओं के लिए काम कर रही संस्था फुलकारी ने आज कैपिड (कैंसर अवेयरनैस प्रीवैंशन एवं अरली डिटैक्शन ट्रस्ट) के साथ मिलकर महिलाओं में तेजी के साथ फैल रहे सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। कैपिड महिलाओं की एक मात्र ऐसी संस्था है जो देश भर में कैंसर के बारे में जागरूकता ही नहीं फैला रही, बल्कि महिलाओं में इस कैंसर को ढूंढने में भी मदद कर रही है। आज कैपिडा की चेयरमैन राधिका व अपने संगीत व नाटक के माध्यम से जागरूकता फैला रही डायरैक्टर ऋतु आर चंदरा के साथ फुलकारी की फाऊंडर अध्यक्ष प्रनीत बब्बर व उपाध्यक्ष संध्या सिक्का ने सर्वाइकल कैंसर पर अमृतसर में महिलाओं को जागरूक करने के लिए हाथ मिलाए। दोनों संस्थाए मिलकर अमृतसर में ‘आई हैव ए ड्रीम’ के बैनर तले अमृतसर वासियों को संगीतकार नाटक जरिए जागरूक करेंगी।
सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए समीर परीक्षण करना पड़ता है। हर तीन वर्ष बाद करवाए जाने वाले इस परीक्षण से कैंसर के मामलों में लगभग 75 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है लेकिन एक तिहाई महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की जांच के दौरान यौन अंगों को दिखाने की शर्मिंदगी से बचने के लिए परीक्षण नहीं करवाती।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
- शारीरिक संपर्क के बाद यौनि से रक्त रसाव होना
- दो महावारी के बीच में रक्साव होना
- जब कैंसर अन्य टिश्यूज में फैलने लगता है, तो पेट के नीचे दर्द भी शुरू हो जाता है।
- योनि से गुलाबी रंग का रसाव निकलना।