वकीलों ने 44 गांवों की मांग को लेकर फिर से किया संघर्ष का आगाज

Edited By Updated: 20 May, 2017 02:50 PM

advocate protest

पूर्व अकाली-भाजपा सरकार की ओर से अपने राजनीतिक लाभ के लिए गुरुहरसहाय के माहमूजोइयां कानूनगो सर्कल के 44 गांवों को

गुरुहरसहाय(आवला): पूर्व अकाली-भाजपा सरकार की ओर से अपने राजनीतिक लाभ के लिए गुरुहरसहाय के माहमूजोइयां कानूनगो सर्कल के 44 गांवों को जलालाबाद के साथ जोडऩे से एक विवाद खड़ा हो गया था। इस मुद्दे को लेकर लोगों के साथ-साथ सिविल कोर्ट गुरुहरसहाय के वकील भाईचारे ने तब काफी संघर्ष किया था और अब फिर से वकील भाईचारे ने उक्त 44 गांवों को गुरुहरसहाय से जुड़वाने को लेकर संघर्ष शुरू कर दिया है।

बार एसोसिएशन गुरुहरसहाय के पूर्व अध्यक्ष इकबालदास बावा एवं सुखचैन सिंह के लगभग 3 साल के कार्यकाल दौरान गुरुहरसहाय के समूह वकील लगातार शृंखलाबद्ध हड़ताल पर रहने के साथ-साथ संघर्ष कर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखते रहे हैं लेकिन उन्हें पिछली सरकार से झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि नई सरकार आने पर यह 44 गांव पहल के आधार पर गुरुहरसहाय के साथ जोडऩे का आश्वासन दिया गया था लेकिन गत दिवस सरकार की ओर से नए ऐलान अनुसार कि जिन गांवों का माल विभाग का काम जहां चलता है, उनका फौजदारी कार्य भी उस तहसील या संबंधित थानों से जोड़ देने संबंधी खबर ने वकीलों की आशाओं पर पानी फेर दिया था। 

इस संबंधी आज यहां बार रूम में नए चुने प्रधान राजिन्द्र मोगा की प्रधानगी में बैठक हुई जिसमें भारी संख्या में वकीलों ने हिस्सा लिया। बैठक में लिए गए फैसले संबंधी जानकारी देते हुए प्रधान रजिन्द्र मोंगा ने पत्रकारों को बताया कि माहमूजोइयां कानूनगो सर्कल के 44 गांवों को जलालाबाद से जोडऩा गैर संवैधानिक है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा व इस मांग की प्राप्ति के लिए संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के बाद बार एसोसिएशन के समूह वकील लगातार शृंखलाबद्ध हड़ताल पर रहा करेंगे और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती। 
 

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