Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Oct, 2017 09:53 AM
पंजाब सरकार द्वारा अपने प्रदेश के नागरिकों के लिए हर शहर, देहात व कस्बे में पुलिस प्रशासन की सहायता के लिए एक 100 नंबर पर कॉल करने वाली सेवा पिछले कई वर्षों से लोगों को दी जा रही है परंतु पिछले कई महीनों से शहर व गांवों के लोगों को इस सेवा से वंचित...
जालंधर (राज शर्मा): पंजाब सरकार द्वारा अपने प्रदेश के नागरिकों के लिए हर शहर, देहात व कस्बे में पुलिस प्रशासन की सहायता के लिए एक 100 नंबर पर कॉल करने वाली सेवा पिछले कई वर्षों से लोगों को दी जा रही है परंतु पिछले कई महीनों से शहर व गांवों के लोगों को इस सेवा से वंचित रहना पड़ रहा है, क्योंकि 15 से 20 लाख की आबादी के लिए जो कंट्रोल रूम स्थापित है वहां अगर किसी को भी पुलिस की सहायता चाहिए तो आगे से कम्प्यूटर पर टेप चल पड़ती है कि आप 100 नंबर की सेवा की कतार में हैं।
बार-बार 100 नंबर डायल करने पर कम्प्यूटर बोलने के बाद फोन डिस्कनैक्ट हो जाता है, लेकिन जो नागरिक पुलिस से सहायता मांगता है उसको पुलिस द्वारा कहीं भी सहायता नहीं दी जाती, क्योंकि कंट्रोल रूम से पुलिस को सूचना ही नहीं मिल पाती तो लोगों को सहायता कैसे मिले, शहर में कोई भी झगड़ा हो, कहीं कोई भी एक्सीडैंट हुआ हो लेकिन पुलिस की सहायता नहीं मिलती। इसके बाद लोगों को अपनी सहायता के लिए पुलिस थाने को सम्पर्क करना पड़ता है परन्तु थानों की पुलिस भी अपनी-अपनी हदबंदी के कारण उस थाने में जिसका इलाका है, जाने की सलाह दे अपना पल्ला झाड़ती नजर आती है।
लोग टैक्स देते हैं तो पुलिस को मिलता है वेतन
लोग अपने खून-पसीने की कमाई से सरकार को टैक्स देते हैं, उसी टैक्स से सरकार पुलिस को वेतन देती है लेकिन उस मिल रहे वेतन के बदले में लोगों को सुरक्षा नहीं मिलती।
आधे से एक घंटे बाद पहुंचती है पुलिस
शहर में कहीं भी कोई झगड़ा या कोई बड़ा हादसा हो जाए तो वहां यही देखने में आया है कि हमेशा पुलिस आधे से एक घंटे में पहुंचती है।
सफेद हाथी साबित हो रहे पी.सी.आर. के मोटरसाइकिल और जूलो
शहर में कंट्रोल रूम से निर्देश न मिलने के कारण शहर की सुरक्षा में लगे पी.सी.आर. के मोटरसाइकिल व जूलो सफेद हाथी साबित हो रहे हैं, क्योंकि कंट्रोल रूम का 100 नंबर तो काम ही नहीं करता तो ये गाडिय़ां लोगों के दिए जा रहे टैक्स रूपी रुपयों का दुरुपयोग किस लिए कर रही हैं।