Edited By swetha,Updated: 25 Mar, 2019 02:39 PM
पंजाब के सांसदों द्वारा गांव को गोद लेने की कवायद में बेशक आदर्श ग्राम योजना के तहत इन ग्रामों की कायाकल्प करने के लिए सांसदों ने अपना भरपूर प्रयास करने का साहस दिखाया किंतु इसमें राजनीति की उत्कंठा विकास से अधिक दिखाई दी। अमृतसर स्थित गांव मुद्दल...
अमृतसर(इन्द्रजीत): पंजाब के सांसदों द्वारा गांव को गोद लेने की कवायद में बेशक आदर्श ग्राम योजना के तहत इन ग्रामों की कायाकल्प करने के लिए सांसदों ने अपना भरपूर प्रयास करने का साहस दिखाया किंतु इसमें राजनीति की उत्कंठा विकास से अधिक दिखाई दी। अमृतसर स्थित गांव मुद्दल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
कांग्रेसी सांसद गुरजीत सिंह औजला ने इस गांव को गोद लिया लेकिन गांव की कायाकल्प नहीं हुई। इसी बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस पर बाजी मारते हुए लगभग 2 किलोमीटर लंबी सड़क से इस गांव को सुसज्जित करते हुए इसका क्रैडिट लेने का भरपूर प्रयास किया। हालांकि गांव की मूलभूत समस्याएं गलियां, नालियां, पानी का निकास अभी भी गांव वालों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। लाख प्रयत्न करने पर भी उनकी इस मूल समस्या पर कोई काम नहीं हो रहा।
सूरत-ए-हाल: सांसद गुरजीत सिंह औजला द्वारा गोद लिए गांव मुद्दल की एक सड़क।
क्यों गोद लिया गया यही गांव
यह क्षेत्र अमृतसर के बीच पड़ते औद्योगिक क्षेत्र वेरका से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर है। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू का अनुमान था कि यदि इस क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए तो यह शहर के साथ लगता गांव एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बन सकता है जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। इसी कारण सिद्धू ने ही वर्तमान सांसद गुरजीत औजला को इस गांव को गोद लेने के लिए प्रेरित किया।
मध्यावधि चुनाव में सिद्धू न हटते तो गांव बन जाता मॉडल : राजविंदर कौर
सरपंच का चुनाव हार चुकी महिला सरपंच राजविंद्र कौर और उनके पति सतनाम सिंह का कहना है कि गांव में सब कुछ ठीक था। नवजोत सिंह सिद्धू काम करवा रहे थे। इसमें 75 लाख रुपए सिद्धू ने दिए जबकि 3 करोड़ सिद्धू ने और देने का वायदा किया था लेकिन उस समय अकाली सरपंच ने काम नहीं करवाए। सिर्फ 17 लाख रुपए के काम हुए बाकी पैसे वापस चले गए। इसी बीच मध्यावधि चुनाव आ गए। यदि सिद्धू सांसद के पद से न हटते तो यह मॉडल गांव बन जाता। सिद्धू मुख्य मार्ग पर अब भी साढ़े 4 करोड़ की लागत से सड़क बना रहे हैं और सीवरेज भी मुख्य मार्ग में डाले जा रहे हैं।
पंचायत की इतनी कमाई नहीं व कि पानी के निकास की समस्या दूर हो सके : सरपंच कुलजीत कौर
गांव की वर्तमान सरपंच कुलजीत कौर व उसके पति गुरकीरत सिंह का कहना है कि पंचायत के पास अपनी मात्र 5 एकड़ जमीन है, जिसकी इतनी कमाई नहीं है कि गांव की नालियां-गलियां और पानी के निकास की समस्या को दूर किया जा सके, फिलहाल इसके लिए प्रयास जारी हैं।
गांव पर लगाए 25 लाख : सांसद औजला
सांसद गुरजीत औजला का कहना है कि इस गांव में स्कूल की इमारत पर 20 लाख रुपए से अधिक लग चुके हैं। 5 लाख डिस्पैंसरी पर भी खर्च हुए हैं। सांसद निधि में गलियां-नालियां और अन्य विकास कार्यों के लिए फंड्स नहीं होते इसलिए इसमें कुछ देरी हुई है, कोड ऑफ कंडक्ट भी देरी का कारण है।
कुछ नहीं कर पाए औजला : पूर्व सरपंच सेवा सिंह
पूर्व शिअद सरपंच सेवा सिंह का कहना है कि सांसद गुरजीत औजला ने इस गांव के लिए कुछ नहीं किया। स्कूल और डिस्पैंसरी के लिए 25 लाख रुपए खर्च किए जबकि उन्होंने 1 करोड़ खर्च करने का वायदा किया था। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी से उन्होंने कई बार काम करवाने की विनती की। गांव की पूरी सड़क जो 3 किलोमीटर के करीब है, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बनवाई है जो सामने दिखाई दे रही है।
सांसद औजला नहीं लगा सके पैसे
गांव वासियों का कहना है कि सांसद औजला द्वारा बेशक स्कूल पर पैसे लगाए गए हैं लेकिन बाकी गांव की मूलभूत सुविधाओं से उनके प्रयास अभी दूर हैं। औजला इस गांव के लिए फंड प्राप्त नहीं कर सके जिसके कारण विकास कार्य रुके हुए हैं। गांव वासियों को शिकायत है कि सांसद इस गांव में लोगों की सुध लेने नहीं आते। वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने 74 लाख रुपए खर्च करके गांव में मुख्य मार्ग से सड़क को पक्का करके लाइटें लगवा दी हैं जिससे बाहरी तौर पर गांव का नक्शा बदल गया और गांव वाले इससे खुश भी हैं।
क्या थे गांव में विकास के मुद्दे सांसद औजला के मुताबिक
*नई सड़क बनाना
*सीवरेज व्यवस्था
*गलियां और नालियां पक्की करना
*स्कूल का नवीनीकरण
*डिस्पैंसरी
भौगोलिक स्थिति
अमृतसर शहर के मध्य से 10 किलोमीटर और वेरका क्षेत्र से 3 किलोमीटर की दूरी पर जी.टी. रोड अमृतसर-पठानकोट बाईपास से 2 किलोमीटर पहले।
आबादी-5,000 के करीब
मतदाता-3528
पुरुष-1900
महिला-1628
साक्षरता दर-72 प्रतिशत
गांव गोद लिया
जुलाई 2017रकबा 1200 एकड़