आदर्श ग्राम योजना: प्रो. साधु सिंह द्वारा गोद लिए गांव की नहीं बदली तकदीर

Edited By swetha,Updated: 20 Mar, 2019 10:12 AM

adarsh gram scheme

फरीदकोट अधीन पड़ते जिला मोगा के 5300 से अधिक जनसंख्या वाले गांव फतेहगढ़ कोरोटाना को ‘आप’ सांसद प्रो. साधु सिंह ने आदर्श ग्राम योजना के तहत 11 नवम्बर, 2014 में गोद लिया था।

फतेहगढ़ कोरोटाना (मोगा)(गोपी राऊके): फरीदकोट अधीन पड़ते जिला मोगा के 5300 से अधिक जनसंख्या वाले गांव फतेहगढ़ कोरोटाना को ‘आप’ सांसद प्रो. साधु सिंह ने आदर्श ग्राम योजना के तहत 11 नवम्बर, 2014 में गोद लिया था। 4 साल बीत जाने के बावजूद इस गांव में आदर्श ग्राम जैसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। 4 साल पहले गांव में छप्पड़ की हालत जैसी थी आज भी वैसी ही है। जगह-जगह कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं। गांववासियों को उम्मीद थी कि आजादी के समय से विकास की दृष्टि से पिछड़े चले आ रहे इस गांव की नुहार बदल जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। 

4 सालों में यह गांव कितना बदला पंजाब केसरी द्वारा इस संबंध में गांव का दौरा कर सच जाना गया। ग्राऊंड रिपोर्ट में यह तथ्य उभरकर सामने आया कि सांसद द्वारा गांव के विकास के लिए राशि तो मंजूर करवाई गई लेकिन मास्टर प्लान केवल कागजों तक ही सीमित रह गए। गांव के लोग लंबे समय से गंदे पानी की सही निकासी तथा बुनियादी सेहत सुविधाओं के साथ-साथ गांव के मिडल स्कूल को अपग्रेड करने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन गांववासियों की ये मांगें आज भी सपना बनी हुई हैं। 

नैशनल हाईवे मार्ग मोगा-जालंधर पर पड़ते इस गांव को गोद लेने उपरांत प्रो. साधु सिंह ने दावा किया था कि गांव के समूचे लटकते कार्यों को एक-एक करके पूरा किया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासनिक अधिकारियों और ग्राम पंचायत के सरपंच समेत अन्य प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें हुईं जिनमें लटकते चले आ रहे विकास कार्यों को पूरा करने की योजना तो बनाई गई लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

प्रो. साधु सिंह ने गांव के विकास के लिए कुछ प्रयास तो शुरू किए लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए समय पर फंड न भेजे जाने के कारण कोई विकास कार्य शुरू ही नहीं हो सका। इस योजना के तहत गांववासियों को स्वच्छ भारत मुहिम के साथ जोडऩे के लिए जागरूक भी करना था लेकिन गांव में जगह-जगह लगे गोबर के उपले तथा रूडिय़ों के ढेर इस मुहिम की पोल भी खोल रहे हैं।

विकास कार्य शुरू ही नहीं हुआ
गांव में सीवरेज सिस्टम की बड़ी समस्या के कारण गंदे पानी का सही निकास नहीं है। कई वर्ष पहले गांव के कुछ हिस्से में जो सीवरेज पड़ा था वह भी बंद हो जाता है। बरसाती दिनों में समस्या और भी बढ़ जाती है। आदर्श ग्राम योजना तहत गांव का कोई विकास कार्य शुरू ही नहीं हुआ।      -परमजीत कौर ब्लाक समिति  मैंबर गांव फतेहगढ़ कोरोटाना।

छप्पड़ों की गंदगी ने किया जीना दूभर
गांव में छप्पड़ों की गंदगी ने लोगों का जीना दूभर करके रखा हुआ है। गांव का गंदा पानी सभी छप्पड़ों की भेंट चढ़ता है। छप्पड़ों की गंदगी का सबसे ज्यादा खमियाजा नजदीकी घरों में रहने वाले लोग भुगत रहे हैं। छप्पड़ों की गंदगी से निजात की उम्मीद बनी थी लेकिन गांव को लोकसभा मैंबर द्वारा गोद लेने उपरांत भी कुछ नहीं हुआ। -दर्शन सिंह गांववासी।

लोकसभा मैंबर प्रो. साधु सिंह के कोटे से नहीं हुआ कोई विकास कार्य
लोकसभा मैंबर प्रो. साधु सिंह के कोटे में गांव का कोई विकास कार्य नहीं हुआ। गांव में जो भी विकास कार्य हुए हैं, वे पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा गांव को मिली ग्रांटों से या पंचायत को अन्य स्रोतों से हुई आमदन से हुए हैं। आदर्श ग्राम योजना से गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। गांव का मिडल स्कूल ही अपग्रेड नहीं हुआ। और विकास कार्य क्या होना था।  - जसविन्द्र सिंह कुक्की गांववासी।

धरी रह गईं गांव की उम्मीदें
लोकसभा मैंबर प्रो. साधु सिंह द्वारा हमारे गांव को गोद लिए जाने उपरांत गांववासियों को गांव की नुहार बदलने की बड़ी उम्मीद थी, लेकिन गांववासियों की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। गांव को एम.पी. लैड स्कीम के तहत कोई फंड नहीं मिले। गांववासियों को इस मामले पर बड़ा गिला है। गांव में जो विकास कार्य हुए हैं, उनमें इस स्कीम के फंडों की हिस्सेदारी नहीं है। -पूर्व सरपंच फतेहगढ़ अमनदीप सिंह।

पंजाब सरकार ने इस स्कीम को सही नहीं चलने दिया: प्रो. साधु सिंह
सांसद प्रो. साधु सिंह का कहना है कि पंजाब सरकार ने इस स्कीम को सही नहीं चलने दिया। उन्होंने गांव के विकास के लिए 1.61 करोड़ रुपए मंजूर करवाए थे। गांव के विकास के लिए मास्टर प्लान तो बने लेकिन जिला मोगा के इस समय के दौरान 6 डिप्टी कमिश्नरों के तबादले होने के कारण भी स्कीम सही शुरू नहीं हुई। उन्होंने कहा कि गांव फतेहगढ़ कोरोटाना में सही विकास कार्य न चलने के कारण उन्होंने और गांव गोद नहीं लिए। उन्होंने कहा कि वैसे इस योजना के तहत पब्लिक शौचालय, लाइटें, पंचायत घर, डिस्पैंसरी जैसे विकास कार्य हुए भी हैं।

 गांव को चुने जाने की ये थीं शर्तें 
*गांव की आबादी 5000 के करीब होनी चाहिए। 
*नैशनल हाईवे पर होना चाहिए। 

गोद लेने की तारीख-11 नवम्बर, 2014
कुल जनसंख्या-
3706
पुरुष-2035
महिला-1671 
साक्षरता दर -72.14%

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