Edited By Vatika,Updated: 02 Oct, 2020 10:08 AM
गेहूं भंडारण के साथ-साथ कॉर्पोरेट कंपनी अडानी ग्रुप अब पंजाब को बिजली देने के लिए भी तैयार है।
जालंधर(एन.मोहन): गेहूं भंडारण के साथ-साथ कॉर्पोरेट कंपनी अडानी ग्रुप अब पंजाब को बिजली देने के लिए भी तैयार है। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (ए.जी.ई.एल.) ने आज घोषणा की कि उसने एस्सेल ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (ई.जी.ई.पी.एल.) और एस्सेल इन्फ्रा प्रोजैक्ट्स लिमिटेड (ई.आई.पी.एल.) से 205 मैगावाट की परिचालन सौर संपत्तियों का अधिग्रहण पूरा कर लिया है।
संपत्तियां पंजाब, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। सभी परिसंपत्तियों में विभिन्न राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ लम्बे अर्से के बिजली खरीद समझौते (पी.पी.ए.) हैं। समझौते अभी हुए हैं जो 21 वर्ष तक चलेंगे। अडानी ग्रुप ऐसे समय पंजाब में अपने प्रोजैक्टों का खुलासा कर रहा है जब पंजाब में 3 कृषि अधिनियमों का विरोध हो रहा है और जगह-जगह केंद्र की सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के संस्थानों के विरुद्ध प्रदर्शन हो रहे हैं। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा अधिगृहीत किया गया यह पहला ऑप्रेटिंग समझौता है। ए.जी.ई.एल. ने पहले 29 अगस्त 2019 को एस्सेल पोर्टफोलियो के अधिग्रहण के लिए निश्चित समझौतों के कार्यान्वयन की घोषणा की थी।
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरैक्टर और सी.ई.ओ. विनीत जैन ने बताया कि 205 मैगावाट के सोलर पोर्टफोलियो के अधिग्रहण से उन राज्यों में हमारी उपस्थिति का विस्तार हुआ है, जहां हम पहले से ही मौजूद हैं और अपनी मजबूत परिचालन विशेषज्ञता के साथ हम अपने शेयरधारकों के लिए महत्वपूर्ण वैल्यू प्रदान करेंगे। यह 2025 तक अक्षय ऊर्जा के 25 गीगावाट के लक्षित फुटप्रिंट के करीब ए.जी.ई.एल. को ले जाने की दिशा में एक और कदम है।गौरतलब है कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अडानी ग्रुप का एक हिस्सा है, जिसके पास 14 गीगावाट की परिचालित, निर्माणाधीन और अवार्डेड नवीकरणीय बिजली परियोजनाएं हैं।