Edited By Vatika,Updated: 12 Jul, 2019 01:25 PM
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जहां हर रोज 40 किलोमीटर नैशनल हाईवे बनाने के लिए उत्साही यत्न कर रहे हैं, वहीं एन.एच.ए.आई.
जालंधर (सोमनाथ): केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जहां हर रोज 40 किलोमीटर नैशनल हाईवे बनाने के लिए उत्साही यत्न कर रहे हैं, वहीं एन.एच.ए.आई. की लापरवाही के कारण हर रोज कई लोग जान गंवा रहे हैं। हाईवे प्रशासन द्वारा एक आर.टी.आई. के दिए गए जवाब से पता चला है कि नैशनल हाईवे (एन.एच.-44 (ओल्ड एन.एच.-1)) पर केवल 16 व्यापारिक अदारों को ही इजाजत दी गई है।
NHAI के पास क्षेत्र में उल्लंघनों बारे कोई डाटा नहीं
एन.एच.ए.आई. ने 2017 में जालंधर से जम्मू-कश्मीर तक फैले 113 किलोमीटर नैशनल हाईवे पर 146 अनधिकृत अदारों के बारे में पता लगाया है जबकि इस हाईवे पर कई जगह कब्जे भी हुए हैं, जिनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। एन.जी.ओ. अराइवसेफ ने कहा कि हैरानी वाली बात यह है कि एन.एच.ए.आई. के पास शंभू बैरियर से जालंधर तक 162 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में उल्लंघनों बारे कोई डाटा नहीं है। अराइवसेफ के हरमन सिंह सिद्धू ने बताया कि एन.जी.ओ. द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक शंभू बैरियर से पंजाब/जम्मू-कश्मीर सीमा तक लगभग 3000 बड़े व्यापारिक अदारे (हाऊसिंग कॉम्पलैक्स, कालेज, मैरिज पैलेस, अस्पताल, पैट्रोल पंप, फैक्टरियां और वाहन एजैंसियां हैं। सड़क दुर्घटना पर पंजाब पुलिस की तरफ से प्रकाशित की गई रिपोर्टों में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार नहीं किया गया है।
गैर-कानूनी व्यावसायिक अदारों से बिछ रहा मौतों का जाल
ताजा रिपोर्ट के अनुसार मृत्यु दर में 6 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जोकि गड्ढों को न भरे जाने के कारण और बढ़ सकती है।हाईवे मंत्रालय के दिशा-निर्देश अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुलने वाले हरेक अदारे को लिए इजाजत लेना अनिवार्य है और आवेदन मिलने पर हाईवे प्रशासन इसकी जांच कर बकायदा फीस चार्ज करता है। साथ ही व्यापारिक संस्थान को मिला सर्टीफिकेट 5 साल बाद नवीकरण करवाना होता है। इसके साथ ही हाईवे के खराब ढांचे के कारण यात्रियों को भारी टोल फीस का भुगतान करना पड़ता है। टूटी सड़कें और नालियां लोगों की मौत का कारण बन रही हैं इसलिए तेजी के साथ हाईवे पर बढ़ रहे गैर-कानूनी व्यावसायिक अदारों से मौतों का जाल बिछ रहा है। एन.जी.ओ. ने केंद्रीय परिवहन मंत्री से अपील की है कि एन.एच.ए.आई. फील्ड अफसर को नैशनल हाईवे (लैंड एंड ट्रैफिक) एक्ट-2002 के प्रावधानों के तहत गैर-कानूनी अदारों को हटाने के निर्देश दिए जाएं।
पंजाब में 36% सड़क हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर
पंजाब में राष्ट्रीय राजमार्ग मौत के मार्ग साबित हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार हर रोज 5 लोगों की मौत सड़क हादसों में हो रही है। 2018 में पंजाब में हुए 8124 मोटर वाहन हादसों में 4740 लोगों की जान गई। इनमें से 1749 लोगों की मौत राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए हादसों में हुई। हर साल एक किलोमीटर में औसतन .5 लोगों की मौत राष्ट्रीय राजमार्ग पर होती है, जबकि 1418 लोगों की मौत राजकीय राजमार्गों पर हादसों में और 12&7 लोगों की जान अन्य हादसों में गई है।
गाइडलाइंस और सूरत-ए-हाल
- सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय की गाइडलाइंस मुताबिक हाईवे के पास बनने वाले किसी भी व्यापारिक अदारे की अनुमति लेना जरूरी है।
- शंभू बैरियर से जम्मू-कश्मीर बैरियर के 277 किलोमीटर नैशनल हाईवे-44 पर बिना किसी अनुमति के हजारों व्यापारिक संस्थान खुले हैं जिनमें पैट्रोल पंप, मैरिज पैलेस, मनोरंजन पार्क, भोजनालय, बैंक्वट हाल, ऑटोमोबाइल शो-रूम्स, शराब की दुकानें, फैक्ट्रियां और अन्य अदारे शामिल हैं।
- जालंधर से जम्मू-कश्मीर सीमा तक 113 किलोमीटर के क्षेत्र में 146 अनधिकृत अदारे और 102 अनधिकृत कब्जे हैं।
राज्य में सड़कों के नैटवर्क में नैशनल हाईवे की हिस्सेदारी मात्र 3.7%
सड़कों का कुल नैटवर्क |
नैशनल हाईवे |
प्रदेश और गांवों की सड़कें |
स्टेट हाईवे
|
71,812 कि.मी. |
2677 कि.मी. |
61,436 कि.मी. |
1,097 कि.मी. |
- पंजाब पुलिस द्वारा करवाए सर्वे मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग पर ब्लैक स्पॉट की संख्या 40
- साल में एक कि.मी. में हादसों में औसतन मौत .5
- 4740 मौतों में हाई स्पीड के कारण हुई मौतें 2540
354 हादसों का समय और मारे गए लोग
हादसे का समय |
मौतें |
6 AM टू 11PM |
693 |
6 AM टू 9PM |
466 |
हादसों में पैदल चलने वालों की मौतें
फुटब्रिज के नजदीक |
142 |
फुटपाथ पर |
115 |
जैब्रा क्रॉसिंग पर |
054 |