Edited By Sunita sarangal,Updated: 27 Feb, 2020 09:58 AM
फिलहाल दिल्ली में ही उलझी है हाईकमान, कांग्रेस से जनता तो परेशान है ही कांग्रेसी भी अपनी सरकार की कारगुजारी से दुखी
जालंधर(बुलंद): आम आदमी पार्टी (आप) ने जिस प्रकार से पूरे जोर-शोर के साथ दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनाई है, उसके बाद से पंजाब के लोगों में एक आस जगी है कि शायद उन्हें अगले पंजाब विधानसभा चुनावों में ‘आप’ के तौर पर एक तीसरा विकल्प मिल सकेगा, लेकिन फिलहाल बड़ा सवाल यह है कि क्या अगले 2 सालों में ‘आप’ पंजाब में अपने पैर जमा सकेगी? हालांकि पार्टी हाईकमान दिल्ली में ही अपने मामलों को लेकर उलझा हुआ है।
पंजाब में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है और इसे 3 साल हो गए हैं। 3 सालों में पंजाब में कांग्रेस बुरी तरह से फेल साबित हुई है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह अपने वायदे पूरे करने में विफल रहे हैं। न सिर्फ आम जनता कांग्रेस की कारगुजारी से परेशान है बल्कि कांग्रेस के अपने नेता अपनी पार्टी की कारगुजारी से दुखी हैं और अपनी सरकार के होते धरने लगा रहे हैं। अगर बात अकाली दल और भाजपा के गठबंधन की करें तो दोनों पार्टियों में जिस प्रकार से हरियाणा और दिल्ली में एक-दूसरे के साथ लड़ती दिखी हैं जिसके नतीजे में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। अब पंजाब में भी दोनों पार्टियों के लिए विधानसभा चुनाव एकजुट होकर चुनाव लडऩे पर सवालिया निशान लगता दिखाई दे रहा है।
इस सबके बीच अगर नजर सोशल मीडिया पर डालें तो आम जनता की पसंद ‘आप’ ही है और पंजाब में नई पार्टी का राज चाहते हैं। लोग कहते हैं कि पंजाब में कांग्रेस और अकाली फ्रैंडली मैच खेलते आ रहे हैं। अकाली दल की सरकार में कांग्रेस नेताओं के काम नहीं रुकते और कांग्रेस की सरकार में अकाली दल का केबल, माइनिंग, ट्रांसपोर्ट माफिया जैसे का तैसा मनमर्जी से काम कर रहा है। ऐसे में लोग आप पार्टी को सरकार में देखना चाह रहे हैं।
इस सबके बीच ‘आप’ पार्टी के जो पंजाब में मौजूदा हालत हैं, उसे देख कर शंका उत्पन्न होती है कि आखिर कैसे यह पार्टी पंजाब में दोबारा स्टैंड कर पाएगी। वर्ष 2014 में पंजाब के लोगों ने ‘आप’ पार्टी को खूब पसंद किया और पूरे देश में से सिर्फ पंजाब से ही 4 सांसद जीते थे। अब जिस प्रकार से ‘आप’ पार्टी में पंजाब में कलह है, उससे जल्द उसके पैरों पर खड़े होने में संदेह बरकार है। पार्टी के कई विधायकों ने सुखपाल खैहरा के साथ मिलकर पार्टी को छोड़ दिया और विधानसभा में अपना अलग ही झंडा उठाने में लगे रहे। पार्टी की ओर से कई विधायकों को सस्पैंड किया गया। कंवर संधू और फूलका जैसे नेताओं को पार्टी ने किनारे कर दिया। इस सबके बीच अब ‘आप’ पार्टी क्या पंजाब में कोई नई योजना लाएगी जिससे पार्टी मजबूत हो सके।
कौन-सा बड़ा चेहरा आगे लाना है, इस पर सिर्फ केजरीवाल लेंगे फैसला : अमन अरोड़ा
वहीं पार्टी के पंजाब इकाई के नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि फिलहाल कुछ दिन ही हुए हैं दिल्ली में ‘आप’ पार्टी की सरकार बने। इसके बाद से ही दिल्ली का माहौल बिगड़ा हुआ है और सरकार का सारा ध्यान उधर है। पंजाब में विस सैशन में पंजाब के नेता व्यस्त हैं इसलिए हाईकमान इस ओर अभी ध्यान नहीं दे सका। पंजाब में ‘आप’ पार्टी को लोग सरकार में देखना चाहते हैं। अब पंजाब में कौन-सा बड़ा चेहरा आगे लाना है इस पर सिर्फ केजरीवाल ही आखिरी फैसला लेंगे इसलिए फिलहाल कुछ भी अपनी ओर से कहना सही नहीं होगा।