Edited By swetha,Updated: 21 May, 2019 09:07 AM
आम आदमी पार्टी की जालंधर इकाई के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे साबित हो सकते हैं। इस संबंध में पार्टी के दिल्ली के सूत्रों के अनुसार जालंधर सीट पर ‘आप’ के उम्मीदवार रिटा. जस्टिस जोरा सिंह ने जालंधर के कुछ दिग्गजों की हाईकमान के पास शिकायत की है।
जालंधर(बुलंद): आम आदमी पार्टी की जालंधर इकाई के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे साबित हो सकते हैं। इस संबंध में पार्टी के दिल्ली के सूत्रों के अनुसार जालंधर सीट पर ‘आप’ के उम्मीदवार रिटा. जस्टिस जोरा सिंह ने जालंधर के कुछ दिग्गजों की हाईकमान के पास शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि जालंधर के कुछ बड़े नेताओं ने पार्टी प्रत्याशी का डट कर साथ नहीं दिया। इस कारण पार्टी के वोट बैंक में कमी आ सकती है। अगर पार्टी के प्रत्याशी की जमानत जब्त हुई तो इसके लिए पार्टी की जालंधर इकाई के नेता जिम्मेदार होंगे।
पार्टी सूत्रों की मानें, यदि ऐसा होता है तो हाईकमान जालंधर इकाई पर सख्त एक्शन ले सकता है। इस बारे जानकारों की मानें तो गत दिनों मतदान के दिन भी अन्य पार्टियों की अपेक्षा ‘आप’ के पोलिंग स्टेशनों के बाहर बूथ पर बेहद कम लोग दिखाई दिए। यहां तक कि बसपा के बूथों की संख्या से भी बेहद कम बूथ आप के लगे दिखे, जिससे पार्टी प्रत्याशी व उनके सहयोगियों में बेहद रोष है।
जानकारों की मानें तो पार्टी प्रत्याशी मतदान खत्म होते ही चंडीगढ़ चले गए थे, जिस कारण आज दिन भर पार्टी के प्रत्याशियों का दफ्तर भी बंद रहा। इस बारे पार्टी जानकार बताते हैं कि चुनाव के नतीजों के बाद सारे चुनाव प्रकरण की एक रिपोर्ट केजरीवाल को भेजी जाएगी। पार्टी के प्रत्याशी का पहले दिन से ही आरोप रहा है कि लोकल लीडरशिप उन्हें भ्रमित करती रही है । उनके पैसे भी फालतू कामों में ही खर्च करवाती रही है। पार्टी प्रत्याशी ने हाईकमान को यह भी बताया है कि अगर लोकल लीडरशिप सही तरीके से उनका साथ देती तो वह जालंधर सीट पर कड़ा मुकाबला विरोधियों को दे सकते थे, पर ऐसा हो न सका। उधर सियासी विशेषज्ञों का कहना है कि पिछली बार अढ़ाई लाख से अधिक वोट बटोरने वाली आप पार्टी इस बार एक लाख वोट भी हासिल कर सके तो गनीमत होगी।