Edited By Sunita sarangal,Updated: 20 Mar, 2021 09:57 AM
आम आदमी पार्टी पंजाब के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने ए.बी.पी. सी-वोटर सर्वे द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब.....
चंडीगढ़(विशेष): आम आदमी पार्टी पंजाब के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने ए.बी.पी. सी-वोटर सर्वे द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब की जनता ने 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का मन बना लिया है। आम आदमी पार्टी पंजाब के लोगों की पहली पसंद है। पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सर्वे एजैंसी के सर्वेक्षण ने साबित कर दिया है कि पंजाब के लोग कैप्टन अमरेंद्र की जन-विरोधी नीतियों से तंग आ चुके हैं।
राघव ने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र ने 2017 के चुनावों से पहले पंजाब में ड्रग्स, रेत माफिया, परिवहन माफिया और अन्य सभी प्रकार के माफिया को खत्म करने, घर-घर रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद वे सारे वादे भूल गए। उन्होंने कहा कि अमरेंद्र ने पंजाब सरकार चलाने का काम अनुबंध पर एक अधिकारी को दिया है और अमरेंद्र खुद शाही फार्म हाऊस में बैठे रहते हैं। आज कैप्टन सरकार पंजाब में अकालियों द्वारा शुरू किए गए सभी प्रकार के माफिया को बढ़ावा दे रही है।
राघव ने अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा कि अकाली दल वह पार्टी बन गई है जिससे पंजाब के लोग सबसे ज्यादा नफरत करते हैं। अकाली दल के समर्थन के कारण ही पंजाब सहित देश के किसान परेशानी में पड़े हुए हैं। अकाली दल ने सिर्फ अपने फायदे के लिए काम किया। आज अकाली दल और कांग्रेस पार्टी की जन-विरोधी नीतियों ने पंजाब के किसानों को बड़े कॉर्पोरेट घरानों को बेचने के लिए दाव पर लगा दिया। पंजाब के किसान केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए कृषि कानूनों को मौत का वारंट बता रहे हैं, लेकिन अकाली और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने डैथ वारंट पर हस्ताक्षर किए। कैप्टन अमरेंद्र ने हाई पावर कमेटी में काले कानूनों पर सहमति जताई थी जबकि अकाली दल ने इन काले कानूनों को पारित करने के लिए उस पर हस्ताक्षर किए थे।
पंजाब के लोग अकालियों और कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों से तंग आ चुके हैं। वे 2022 के चुनाव में इन दोनों जनविरोधी पार्टियों को सबक सिखाएंगे। उन्हें केवल आम आदमी पार्टी से ही उम्मीदें हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद पंजाब में भी अरविंद केजरीवाल की सरकार का दिल्ली मॉडल लागू हो जाएगा। आम आदमी पार्टी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कड़ी मेहनत करेगी और सरकार बनने के बाद लोगों के लिए काम करेगी।
सर्वे में किसको कितनी सीटें
सी-वोटर सर्वे के अनुसार यदि अभी चुनाव होते हैं तो ‘आप’ को 51 से 57 सीटें मिलने की संभावना है जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस को 43 से 49 सीटें, अकाली दल को 12-18 सीटें, भाजपा को 0-5 और अन्य को 0-3 सीटें दी गई हैं। वोट शेयर के मामले में भी ‘आप’ को सबसे ज्यादा 37 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। वहीं सत्ताधारी कांग्रेस को 32 फीसदी, अकाली दल को 21 फीसदी और भाजपा को 5-5 फीसदी वोट मिलने की संभावना है।
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