Loksabha Election 2019: पंजाब में AAP और SAD के बागियों ने बदले सियासी समीकरण

Edited By Suraj Thakur,Updated: 18 Jan, 2019 07:00 PM

aap and sad rebels changed political equation in punjab

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के टूटने के बाद नए सियासी समीकरण खड़े हो गए हैं।

चंडीगढ़। (सूरज ठाकुर) लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के टूटने के बाद नए सियासी समीकरण खड़े हो गए हैं। सूबे में जहां 2014 में कांग्रेस, भाजपा, शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी को मुख्य रूप से देखा जाने लगा था, वहीं अब समीकरण बिलकुल विपरीत हो चुके हैं। शिअद से टूट कर बना शिअद (टकसाली) दल और आम आदमी पार्टी से टूट कर बनी पंजाबी एकता पार्टी ने मिलकर तीसरे मोर्चे के रूप में महागठबंधन का ऐलान किया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में मुख्यधारा की राजनीती से जुड़ी शिअद-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस पार्टी को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है। इस चुनाव में कांग्रेस के लिए प्लस प्वाइंट यह है कि सूबे में सरकार उसकी है।PunjabKesari, lok sabha election image, navjot singh sidhu image, captain amrinder singh image, लोकसभा चुनाव इमेज, फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के आगे चुनौतियां और मुद्दे...

भले ही पंजाब में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ होने के बाद  गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव से लेकर नगर निगम, नगर काउंसिल, पंचायत चुनावों में जीत का परचम लहराया हो, लेकिन नए सियासी समीकरणों और मुद्दों के चलते लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अब एक बड़ी चुनौती है। यह बात अलग है कि स्थानीय चुनावों से उत्साहित होकर सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने लोकसभा की 13 सीटों पर जीत का दावा ठोक दिया हो। कांग्रेस को 13 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने को लेकर भी काफी जदोजहद का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस को करीब 6 नए चेहरे लोकसभा चुनाव में उतारने होंगे, चूंकि 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके उम्मीदवार या तो विधायक हैं या फिर कैबिनेट रैंक के मंत्री हैं।

PunjabKesari, lok sabha election 2019 image, लोकसभा चुनाव इमेज, फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

नशे के मुद्दे पर उल्टी घिर गई कांग्रेस सरकार....

अगर मुद्दों की बात की जाए तो नशे और बेअदबी के मामले में कांग्रेस एक बार फिर से विरोधियों (खासकर महागठबंधन और आप)  के निशाने पर रहेगी। वजह यह है कि विधानसभा चुनाव से पहले सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने गुटका साहिब की सौगंध खाकर कहा कि वह पंजाब से चार हफ्तों में नशा खत्म कर देंगे। संभव तो यह उस वक्त भी माना नहीं जा सकता था जब उन्होंने यह दावा किया था, लेकिन सरकार ने सत्ता में आने के बाद नशे के खिलाफ ऐसी मुहीम चलाई जिसकी जद में नशे के छोटे कारोबारी और नशेड़ी भी आ गई। 

PunjabKesari,  lok sabha election 2019 image, Captain Amrinder Singh image, Kulbir Singh Zira image, लोकसभा चुनाव इमेज, फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

नशे को लेकर अपने ही विधायक ने खोली शासन प्रशासन की पोल...

अब हाल ही कांग्रेस के अपने ही विधायक कुलबीर सिंह जीरा ने मोर्चा खोलते हुए पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए कि नशे के सौदागरों के साथ पुलिस के आला अफसर मिले हुए हैं। उनको पार्टी ने मुंह खोलने पर सस्पैंड कर दिया है। वह अभी भी बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। इस मामले को लेकर उन्होंने अपना पक्ष राहुल और सोनिया गांधी के समक्ष रखने की बात भी कह डाली है। जिसके बाद कांग्रेस खुद ही बैकफुट पर आ गई और जीरा का सस्पैंशन रद्द करना पड़। जाहिर है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस मामले को लेकर अब कांग्रेस कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती। 

PunjabKesari,  lok sabha election 2019 image, लोकसभा चुनाव इमेज, फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

बेअदबी मामला शिअद और कांग्रेस के गले की फांस...

मामला बेअदबी की घटनाओं और बहबल कलां में हुई युवकों की मौत का भी है जिसमें अब कांग्रेस सरकार और शिरोमणि अकाली दल दोनों ही कटघरे में खड़े हो गए हैं। इस मामले में न ही कांग्रेस का नया रंजीत सिंह कमिश्न कुछ कर पाया और न ही पूर्व अकाली सरकार के जोहरा सिंह कमिश्न ने अपने जौहर दिखाए। यह कुछ स्थानीय मुद्दे हैं जिन्हें अभी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों मुद्दों पर तीसरा मोर्चा और आम आदमी पार्टी कांग्रेस और शिअद पर हावी हो सकती है। चूंकि पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के कारण नशे के मुद्दे पर शिअद भी कमजोर नजर आता है। दूसरा कैप्टन की सूबे से चार हफ्ते में नशा खत्म करने की सौगंध कांग्रेस के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। बेअदबी के मामले में दोनों जोहरा सिंह कमिश्न और रंजीत सिंह कमिश्न शिअद और कांग्रेस के गले की फांस हैं।

PunjabKesari, lok sabha election 2019 image, Parkash singh badal image, Sukhbir Singh Badal photo, लोकसभा चुनाव इमेज, फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

लोकसभा चुनाव में शिअद की चुनौतियां और मुद्दे...

शिरोमणि अकाली दल के लिए यह ऐसा मौका होगा जब लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी सरकार नहीं होगी। सरकार के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। इसलिए इस बार चुनाव सरकार नहीं संगठन लड़ेगा जिसका सारा दारोमदार पार्टी प्रधान सुखबीर बादल के कंधों पर है। अकाली दल हाल ही में सातवीं बार टूटा है। टकसाली नेताओं सांसद रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, पूर्व मंत्री रतन सिंह अजनाला और पूर्व मंत्री सेवा सिंह सेखवां ने पिता और पुत्र पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शिअद टकसाली दल का गठन कर लिया है। यही नहीं उन्होंने खैहरा के साथ मिलकर बहुजन समाज पार्टी, लोक इंसाफ पार्टी और आप को शिअद और कांग्रेस के खिलाफ महागठबंधन का न्यौता भी दे दिया है। ऐसे में अब पार्टी प्रधान सुखबीर बादल के लिए लोस चुनाव अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।

PunjabKesari, lok sabha election 2019 image, लोकसभा चुनाव इमेज, Narendra Modi image, Sukhbir Singh Badal image, Parkash Singh badal photo, फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

पंचायती चुनाव, 84 दंगों पर फैसला और करतारपुर कॉरीडोर...

पंजाब में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में जिस तरह शिअद ने प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है, उससे कांग्रेस की परेशानी बढ़ने के आसार हैं। यह मामला जमीनी राजनीति से जुड़ा हुआ है जिसे शिअद अभी से भुनाने में जुट गई है। शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने हाल ही में तानाशाही को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ पर जमीन हड़पने और अकाली नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि इन आरोपों को जाखड़ ने सिरे से खारिज कर दिया है। नशे के मुद्दे पर शिअद के नेता ज्यादा नहीं बोल पा रहे हैं क्योंकि सत्तारूढ़ होते हुए ही उनके नेता कटघरे में खड़े हो गए थे। 1984 के दंगों में पूर्व कांग्रसी नेता सज्जन कुमार के दोषी होने व उन्हें सजा होने के बाद इसका पूरा श्रेय शिअद लेना चाहता है। चूंकि केंद्र में उनकी सहयोगी सरकार के प्रयासों से यह सब संभव हुआ है ऐसा शिअद का कहना है। करतारपुर कॉरीडोर का निमार्ण का श्रेय केंद्र सरकार को देते हुए इस मसले को भी शिअद जनता के बीच ले जाएगा। हालांकि यह मामला पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान से उठाया था। यह मुद्दा कांग्रेस और शिअद के लिए चुनाव प्रचार में साझा रहेगा।

  PunjabKesari,  lok sabha election 2019 image, लोकसभा चुनाव इमेज, फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

पंजाब में मोदी मैजिक के इंतजार में भाजपा... 

2017 विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद पंजाब में भाजपा की स्थिति संतोषजनक नहीं है। जहां एक और नगर निगम चुनावों में भाजपा बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई वहीं गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा को कड़ी हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में शिअद-भाजपा गठबंधन के चलते 13 लोकसभा सीटों का बंटवारा होगा और भाजपा किन सीटों पर दाव खेलेगी यह अभी तय नहीं है। पंजाब में भाजपा और शिअद के साझे मुद्दे हैं। भाजपा हाईकमान ने नेतृत्व परिवर्तन करते हुए सूबे की कमान अब राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक को सौंप दी है। तीन जनवरी को भाजपा की गुरदासपुर में हुई रैली से एक बात तो साफ जाहिर हो गई है कि करतारपुर कॉरीडोर और 1984 के दंगों का फैसला ही भाजपा के लिए पंजाब में मुख्य मुद्दा है। इसे  भुनाने के लिए भी भाजपा को मोदी मैजिक का ही इंतजार रहेगा।

PunjabKesari,  lok sabha election 2019 image, लोकसभा चुनाव इमेज, arvind kejriwal image, Bhagwant Mann Photo, फोटो वॉलपेपर फुल एचडी फोटो गैलरी फ्री डाउनलोड

बिखरती हुई आम आदमी पार्टी....

पंजाब में 2014 के लोकसभा चुनाव में 4 और 2017 के विधानसभा चुनाव में 25 सीटें जीत कर राज्य में अपना दबदबा कायम करने वाली आम आदमी पार्टी का भविष्य 2019 के लोकसभा चुनाव में धुंधला सा दिखाई देता है। AAP भले ही पंजाब में खुद को कांग्रेस, भाजपा व अकाली गठबंधन का विकल्प बता रही है, मगर स्थिति इसके बिलकुल विपरीत है। पंजाब में AAP का अस्तित्व भ्रामक स्थिति में है। बेशक भगवंत मान को AAP ने पंजाब की बागडोर सौंपी हुई है, लेकिन पार्टी नेतृत्व को राजनीतिक दिशा निर्देश का आभाव व एजेंडा न होने के कारण इसके कार्यकर्ता भी दुविधा में हैं। पार्टी के पिछले पांच सालों में तीन बार प्रतिपक्ष नेता बदले गए। सुखपाल खैहरा ने पार्टी से इस्तीफा देकर पंजाबी एकता पार्टी का गठन कर लिया है और टकसाली नेताओं के साथ मिलकर महागठबंधन की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में आप विधायक मास्टर बलदेव सिंह भी खैहरा की पार्टी में शामिल हो गए हैं। पंजाब ऐसा राज्य है, जहां उनके लोकसभा के 4 सदस्य दो गुटों में बंटे हुए हैं। 2 सांसद केजरीवाल के साथ हैं जबकि दो विरोधी गुट में हैं। आप ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सांसद धर्मवीर गांधी और हरिंदर खालसा को 2015 में निलंबित कर दिया था। गांधी जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह पटियाला निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं, जबकि खालसा फतेहगढ़ साहिब निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!