Edited By Updated: 25 Dec, 2016 08:19 AM
पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव लडऩे के लिए मैदान में उतरी थी तो पार्टी ने कई दावे किए थे, लेकिन धीरे-धीरे पंजाब में पार्टी के दावों की हवा निकल गई है।
जालंधर(पाहवा): पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव लडऩे के लिए मैदान में उतरी थी तो पार्टी ने कई दावे किए थे, लेकिन धीरे-धीरे पंजाब में पार्टी के दावों की हवा निकल गई है। इसके चलते पार्टी को रोजाना नए से नए झटके लग रहे हैं। अब पार्टी को एक और बड़ा झटका इसके संस्थापक सदस्यों की तरफ से दिए जाने की तैयारी चल रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पंजाब में आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों के गुट ने काफी मेहनत की जहां दुर्गेश पाठक जैसे नेता यू.पी. में कमान संभाले हुए थे, वहीं पंजाब में संस्थापक सदस्यों ने कमान संभाली हुई थी। इन युवाओं के कारण ही पार्टी को देशभर में से केवल पंजाब में 4 लोकसभा सीटें मिलीं, लेकिन पार्टी के नेताओं खासकर संयोजक अरविन्द केजरीवाल व अन्य ने कुछ समय से इग्नोर कर दिया, जिस कारण ये पार्टी से विमुख हो गए। अब जानकारी मिली है कि पंजाब भर में इस प्रकार के करीब 2000 आम आदमी पार्टी के वर्कर हैं, जो जल्द ही पार्टी को अलविदा कहने जा रहे हैं। ये लोग किस पार्टी में जाते हैं, यह तो अभी साफ नहीं है लेकिन इनके जाने से आम आदमी पार्टी की जड़ों का हिलना निश्चित है।
सिद्धू के सम्पर्क में हैं कई नेता
आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से कुछ लोग नवजोत सिंह सिद्धू के सम्पर्क में हैं, लेकिन वे सिद्धू के किसी एक प्लेटफार्म तक पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि दिल्ली में इन लोगों की सिद्धू के साथ 2 बार गुप्त बैठक भी हो चुकी है। अब अगर सिद्धू कांग्रेस में जाते हैं तो संभव है कि ये लोग सिद्धू के नेतृत्व में कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। यह भी जानकारी मिली है कि ये लोग कांग्रेस अध्यक्ष कै. अमरेंद्र सिंह के माध्यम से पार्टी में नहीं जाना चाहते।
जिन्होंने सत्ता दी उन्हें ही किया इग्नोर : बलजीत
आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक बलजीत सिंह जिन्होंने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन की है, का कहना है कि आम आदमी पार्टी के अंदर बहुत घुटन है, खासकर जिन संस्थापक सदस्यों ने पार्टी के लिए पहले दिल्ली में और बाद में 2014 के लोकसभा चुनावों में मेहनत की है, उन्हें दरकिनार कर बाहरी
लोगों को सिर पर बैठा दिया गया। उन्होंने कहा कि कई संस्थापक सदस्य जल्द ही अन्य दलों में शामिल हो सकते हैं।