Edited By Vatika,Updated: 22 Feb, 2019 11:44 AM
विरोधी पक्ष के नेता हरपाल चीमा ने पिछली बादल सरकार की तरफ से सरकारी थर्मल प्लांटों की बली लेकर निजी बिजली कंपनियों के साथ किए महंगे समझौतों को तुरंत रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यदि कैप्टन अमरेंद्र 2004 में केंद्र सरकार समेत पड़ोसी राज्यों से...
चंडीगढ़ (भुल्लर): विरोधी पक्ष के नेता हरपाल चीमा ने पिछली बादल सरकार की तरफ से सरकारी थर्मल प्लांटों की बली लेकर निजी बिजली कंपनियों के साथ किए महंगे समझौतों को तुरंत रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यदि कैप्टन अमरेंद्र 2004 में केंद्र सरकार समेत पड़ोसी राज्यों से दरियाई पानियों के पिछले सभी समझौते विधानसभा द्वारा रद्द कर सकते हैं तो 3 निजी बिजली कंपनियों के साथ किए पंजाब और लोग विरोधी समझौते रद्द क्यों नहीं कर सकते?
चीमा विधानसभा प्रैस गैलरी में अमन अरोड़ा और बाकी विधायकों के साथ मीडिया के रू-ब-रू हुए। चीमा ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने बादलों की ओर से बड़ी मिलीभगत के साथ किए इन समझौतों को रद्द करने का वायदा किया था, परंतु अब न सिर्फ वायदे से पलटे हैं बल्कि बादलों के रास्ते पर ही चल पड़े हैं। उल्लेखनीय है कि आज यह मांग ‘आप’ द्वारा विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान भी उठाई गई थी परंतु बिजली मंत्री गुरप्रीत कांगड़ असली बात पर ही नहीं आए। अमन अरोड़ा ने समझौते संबंधित सरकारी दस्तावेजों के हवाले से बताया कि यह समझौते लोगों की जेबों और सरकारी खजाने के लिए इतने घातक हैं कि यदि पंजाब सरकार इन प्राइवेट थर्मल प्लांटों से एक यूनिट भी बिजली नहीं खरीदेगी तो सालाना करीब 2800 करोड़ रुपए इन बिजली कंपनियों को देने ही पड़ेंगे।
इस के साथ अगले 25 सालों में करीब 70 हजार करोड़ रुपए का लोगों और खजाने को बेवजह चूना लगेगा। अरोड़ा ने कहा कि ‘आप’ द्वारा किए गए इस खुलासे पर रविवार को सदन में जवाब देते बिजली मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने इन तीनों निजी थर्मल प्लांटों को बादलों की ओर से बांधे हुए सफेद हाथी बताया है। यहीं नहीं सदन में पूर्व बिजली मंत्री और कांग्रेसी विधायक राणा गुरजीत सिंह ने ‘आप’ के दोषों को सही करार देते कहा कि बिजली मंत्री होते उन्होंने सरकारी थर्मल प्लांटों का तुलनात्मिक अनुमान लगवाया था, जिससे पता चला कि 25 सालों में इन थर्मल प्लांटों को 62500 करोड़ रुपए फालतू जाएंगे।अमन अरोड़ा ने कहा कि गुरप्रीत सिंह कांगड़ यह भी मान रहे हैं कि 10 महीने में ही 446 करोड़ रुपए बिना बिजली खरीदे बिजली कंपनियों को दिए हैं। उन्होंने अकालियों द्वारा भी इस मुद्दे पर किए जा रहे प्रदर्शनों को ड्रामेबाजी बताते हुए कहा कि अपनी सरकार में उन्होंने ही बड़ी कंपनियों से नियमों को ताक पर रख कर करोड़ों रुपए की लूट की है। इस मौके विधायक कुलतार सिंह संधवां, मीत हेयर, पिं्रसीपल बुद्धराम, जै कृष्ण सिंह रोड़ी, कुलवंत सिंह पंडोरी, प्रवक्ता नील गर्ग और स्टेट मीडिया इंचार्ज मनजीत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे।