90 हजार ट्रक आप्रेटरों ने कै. अमरेन्द्र सरकार को सबक सिखाने की कसमें उठाईं

Edited By Vaneet,Updated: 18 May, 2019 10:47 PM

90 thousand truck operators pledged to teach lesson captain government

लोकसभा चुनावों में कै. अमरेन्द्र सरकार को एंटी इंकम्बैंसी का सामना करना पड़ रहा है और यह कांग्रेस के चुनाव प्रचार ...

संगरूर: लोकसभा चुनावों में कै. अमरेन्द्र सरकार को एंटी इंकम्बैंसी का सामना करना पड़ रहा है और यह कांग्रेस के चुनाव प्रचार में सबसे बड़ी दिक्कत बनी है। 2017 के विधानसभा चुनावों में गुटका साहिब हाथ में पकड़ कर नशे का 4 सप्ताह में खात्मा, किसानों के पूरे कर्जे माफ, घर-घर नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, पैंशन व अन्य वायदों के पूरा न होने के कारण जनता कांग्रेस प्रत्याशियों व नेताओं को जगह-जगह घेरती नजर आई परंतु पंजाब में एक ऐसा सैक्टर भी है जिन्होंने कै. अमरेन्द्र सरकार को सबक सिखाने की कसमें उठा रखी हैं।

प्रदेश भर में काम कर रहे 90 हजार ट्रक आप्रेटरों ने कांग्रेस को आईना दिखाने को पूरी तैयारी कर रखी है और सभी आप्रेटर प्रदेश की सभी 13 लोकसभा हलकों में कांग्रेस प्रत्याशियों के विरोध में मतदान करेंगे। पंजाब ट्रक यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पंजाब के ट्रक आप्रेटरों ने ‘आप्रेशन कांग्रेस क्लीन’ को इस गुपचुप ढंग से अंजाम दिया है कि कोई भी कांग्रेस नेता उन्हें फिर से झूठे आश्वासनों के मक्कडज़ाल में फंसा न पाए। उन्होंने बताया कि एक घर की 5 वोटों को भी माना जाए तो यह आंकड़ा करीब 5 लाख वोटों का बन जाता है। 

पिछले कई महीनों से कैप्टन सरकार के फैसलों के विरोध में संघर्ष का रास्ता अपनाए ट्रक आप्रेटर यूनियनों का कहना है कि 2017 में कैप्टन सरकार के सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री ने पंजाब की ट्रक यूनियनों को भंग कर दिया। इसके साथ ही ढुलाई के रेट भी कम कर दिए। इसके अलावा कै. अमरेन्द्र के दूसरे राज्यों के आप्रेटरों को पंजाब में ढुलाई की अनुमति के फैसले ने रही-सही कसर पूरी कर दी। इसके उपरांत कारोबार में छाई मंदी की वजह से आप्रेटरों के घरों के चूल्हे ठंडे हो गए और उन्हें दो वक्त की रोजी-रोटी कमाने के लाले पड़ गए हैं। 

ट्रक आप्रेटर यूनियनों ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के चलते पंजाब में 35,000 ट्रक कबाड़ के भाव बिक चुके हैं और आने वाले महीनों में इसकी तादाद 60,000 के पार कर जाएगी, जिस कारण अब उन्हें कैप्टन को सबक सिखाने को मजबूर होना पड़ रहा है। ट्रक यूनियनों ने जहां अपने-अपने हलका स्तर पर कांग्रेसी प्रत्याशियों का अंदरखाते विरोध किया वहीं उन्होंने अपने परिवारों, रिश्तेदारों व अन्य साथियों को कांग्रेस के विरुद्ध मतदान करने को प्रेरित किया है। ट्रक आप्रेटर एसोसिएशनों में कांग्रेस से भी संबंधित अनेकों आप्रेटर शामिल हैं, परंतु कारोबार पर किए सरकारी फैसले के प्रहार को लेकर वह भी अपने साथियों के साथ गुपचुप ढंग से संघर्ष की हिमायत कर रहे हैं।

उनका मानना है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने अपने कारोबार के सुखद भविष्य की खातिर अकाली दल-भाजपा को छोड़ कांग्रेस को समर्थन दिया था परंतु कैप्टन अमरेन्द्र ने सत्ता पर काबिज होते ही उनके पेट पर लात मार दी जिसने उनकी आजीविका को बर्बाद कर दिया है कई जिलों में ट्रक आप्रेटरों द्वारा कांग्रेस का दामन छोड़ हरेक उस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करवाया जाएगा जहां से किसी अन्य पार्टी का उम्मीदवार जीतने की क्षमता रखता है, चाहे उनमें अकाली-भाजपा गठबंधन का प्रत्याशी हो, आम आदमी पार्टी के भगवंत मान हों या पंथक मोर्चा व बसपा से सबंधित कोई मजबूत उम्मीदवार हो, उसके पक्ष में मत भुगताए जाएंगे। यहां तक कि कैप्टन सरकार से गुस्साए अनेकों ट्रक आप्रेटरों ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने घरों के बाहर बोर्ड टांग रखे थे कि ‘यह ट्रक वाले का घर है, कांग्रेसी वोट मांग कर शॄमदा न करें।’ अब अगर हजारों की तादाद में आप्रेटर मतदान के दौरान कांग्रेस के खिलाफ बगावती झंडा उठाते हैं तो पार्टी को सभी सीटों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!