Edited By swetha,Updated: 28 Aug, 2018 08:22 AM
पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने 1984 सिख दंगों पर फिर दोहराया कि कांग्रेस का उससे कोई संबंध नहीं है। कुछ कांग्रेसी नेताओं की किसी भी तरह की शमूलियत सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर हो सकती है। मुख्यमंत्री ने उन कांग्रेस नेताओं के नाम...
चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने 1984 सिख दंगों पर फिर दोहराया कि कांग्रेस का उससे कोई संबंध नहीं है। कुछ कांग्रेसी नेताओं की किसी भी तरह की शमूलियत सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर हो सकती है। मुख्यमंत्री ने उन कांग्रेस नेताओं के नाम भी सदन में लिए, जिनके शामिल होने बारे दंगों के तत्काल बाद दिल्ली दौरे दौरान दंगा पीड़ितों के कैंपों में सुना था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह 34 वर्ष से इन नामों को बयां करते आ रहे हैं। यह छिपी बात नहीं है। शून्यकाल दौरान शिअद बिक्रम सिंह मजीठिया की ओर से 1984 दंगों संबंधी राहुल गांधी के बयान का मामला उठाने पर सी.एम. ने यह बयान दिया। सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में सी.एम. ने कहा कि जब दंगे हुए थे पूर्व मंत्री मजीठिया मुश्किल से 8 साल के थे और बच्चों वाली बग्घी में घूमते होंगे। उन्हें मुद्दे संबंधी कुछ भी नहीं पता। उन्होंने संजीदा मसले पर सिखों की भावनाओं से खेलने पर अकालियों को लताड़ लगाई।
इससे पहले अपना स्टैंड दोहराते हुए कैप्टन ने कहा कि घटना के तुरंत बाद स्वयं कैंपों में लोगों से मिले थे। लोगों ने कुछ कांग्रेसी नेताओं एच.के.एल. भगत, सज्जन कुमार, अर्जुन दास और धर्मदास शास्त्री के नाम लिए थे। दंगों के बाद प्रभावित इलाकों और कैंपों में गए जहां स्थिति बहुत खराब थी और सड़कों पर बुरी हालत में लाशें देखी जा सकती थीं।मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिअद नेता सुखबीर बादल ने कहा कि नाम जाहिर हो चुके थे और आप कहते हैं कि कांग्रेस शामिल नहीं थी। फिर भी कांग्रेस ने दंगों के बाद भी उन आरोपियों को टिकटें कैसे दीं और मंत्री क्यों बनाया।
जगदीश टाइटलर को क्लीनचिट देने पर सुखबीर ने मुख्यमंत्री पर साधा निशाना
शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने 1984 के सिख कत्लेआम के मुख्य दोषी जगदीश टाइटलर को विधानसभा में क्लीनचिट दी है, जो बर्दाश्त योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कैप्टन का यह बयान बेगुनाह सिखों के कत्ल की साजिश में कांग्रेस पार्टी की भूमिका होने से इंकार करने के बराबर है।
अकाली दल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा है कि वह केवल 4 व्यक्तियों के बारे में जानते हैं, जिनकी सिख कत्लेआम में भूमिका थी। इनमें एच.के.एल. भगत, अर्जुन दास, सज्जन कुमार और धर्मदास शास्त्री शामिल हैं। उन्होंने कहा कि खुद किए गए इस खुलासे के बाद मुख्यमंत्री को इस कत्लेआम की जांच में सुप्रीम कोर्ट के सामने बतौर गवाह पेश होना चाहिए।