नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में किसानों से रेलवे का चक्काजाम खुलवाने और ट्रेन सेवा को दोबारा शुरू कराने के लिए सियासत भी चरम पर है। भारतीय रेलवे ने पंजाब में राजनीतिक नेतृत्व एवं आंदोलनकारियों की ओर से मिल रहे केवल मालगाडिय़ों के परिचालन के सुझावों को खारिज करते हुए शनिवार को फिर स्पष्ट कहा कि पंजाब में अकेले मालगाडिय़ां नहीं चलाएंगे। रेलवे यात्री एवं मालगाड़ी, दोनों सेवाओं का परिचालन एक साथ करेगा या किसी का भी नहीं। उन्होंने कहा कि रा’य अपनी पसंद से चुनाव नहीं कर सकते। कोई यह निर्देश नहीं दे सकता कि पटरियों पर कौन सी ट्रेन चलेगी या कौन सी नहीं, यह व्यवहारिक नहीं। वहीं ऐसे सुझावों से सुरक्षित रेल परिचालन का कोई आश्वासन नहीं मिलता है और लोको पायलट एवं गार्ड गाड़ी चलाने को तैयार नहीं हैं।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी.ई.ओ.) विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेल मंत्री, स्वयं वह और रेल सुरक्षा बल के महानिदेशक लगातार पंजाब के लोगों को रेल सेवाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन पंजाब के राजनीतिक नेतृत्व की ओर से तथा आंदोलनकारियों से लगातार ऐसे संदेश मिल रहे हैं कि रेलवे केवल मालगाडिय़ों को चलाए, यदि यात्री गाडिय़ां चलाई गईं तो आंदोलनकारी पटरियों पर फिर से आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे ने 22 अक्तूबर को ऐसे प्रयोग करके देख लिए हैं। रेलकर्मियों को अब ऐसे संदेशों पर विश्वास नहीं है। यादव ने बताया कि 22 रेलवे स्टेशनों पर आंदोलनकारी स्टेशन परिसर में मौजूद हैं और एक स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर काबिज हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सौ प्रतिशत रेल पटरी और स्टेशनों से अवरोध नहीं हटता और सिक्योरिटी क्लीयरैंस नहीं मिलती, तब तक सुरक्षा और संरक्षा के लिहाज से ट्रेनों को चलाना सुरक्षित नहीं है।
वहीं पंजाब के 8 सांसदों के एक शिष्टमंडल ने महारानी परनीत कौर के नेतृत्व में शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर रा’य में ट्रेन सेवा बहाल करने को कहा। वहीं पंजाब की स्थिति और ट्रेन सेवा बाधित होने से उत्पन्न समस्याओं से अवगत कराया। कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रेल सेवा जल्दी ही पुन: प्रारंभ होगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार अब रेलवे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी। सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि शिष्टमंडल ने शाह को स्थिति से अवगत कराया और उन्हें आश्वासन मिला है कि मुद्दे को जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा। सांसदों ने अमित शाह को सुझाव भी दिया कि वे अपने राजनीतिक स्तर पर भी किसान यूनियनों से बात कर सकते हैं। इस पर अमित शाह ने कहा कि वह भी मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह से बात करेंगे और स्थिति को ठीक किया जाएगा। इस बीच सूत्रों ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों वाली एक समिति का गठन किए जाने की संभावना है जो आक्रोशित किसानों से बातचीत करेगी।
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