Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Sep, 2017 03:35 PM
कुख्यात गैंगस्टरों द्वारा जेल से चलाए जा रहे नैटवर्क पुलिस से छुपे नहीं हैं। कई बार इसके खुलासे होने के बावजूद जेल प्रशासन वर्दी की आड़ में कुख्यात.....
अमृतसर (संजीव): कुख्यात गैंगस्टरों द्वारा जेल से चलाए जा रहे नैटवर्क पुलिस से छुपे नहीं हैं। कई बार इसके खुलासे होने के बावजूद जेल प्रशासन वर्दी की आड़ में कुख्यात अपराधियों का साथ देने वाली काली भेड़ों की निशानदेही करने में नाकाम है, जो जेल प्रशासन की भूमिका पर जहां सवालियां निशान खड़ा करती है वहीं समाज के लिए भी खतरा बनी हुई है।
जेल में कई कुख्यात गैंगस्टर बंद हैं, जिन्हें पंजाब पुलिस के जांबाज अधिकारियों ने कड़ी मेहनत के उपरांत गिरफ्तार कर जेल भेजा है, मगर यह अपराधी जेल से ही मोबाइल द्वारा अपना नैटवर्क उसी तरह चला रहे हैं जिस तरह यह बाहर कहीं इधर-उधर छुप कर चलाते थे। आए दिन जेल में बंद हवालातियों से मिल रहे मोबाइल फोन उन भ्रष्ट अधिकारियों की ओर इशारा कर रहे हैं जिनकी सहायता से ये हवालातियों तक पहुंच रहे हैं।
गत दिवस बैरकों की जांच के दौरान प्रशासन द्वारा कुख्यात गैंगस्टर कमल कुमार उर्फ बोरी, मनदीप सिंह उर्फ मोनू मोटा, सागर उर्फ बॉबी मल्होत्रा, जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया की बैरकों से 8 मोबाइल फोन बरामद किए गए। बरामद हुए मोबाइल फोन यह साबित कर रहे हैं कि ये अपराधी जेल से भी अपना नैटवर्क चलाने में सक्षम हैं। इन चारों अपराधियों के विरुद्ध थाना गेट हकीमां की पुलिस ने आपराधिक मामला तो दर्ज कर लिया है मगर इस मामले में आगे कार्रवाई क्या की जाती है यह एक बड़ा सवाल है?
जग्गू भगवानपुरिया द्वारा अपलोड की जा रही अपनी फेसबुक व हाल ही में स्टेट स्पैशल आप्रेशनल सैल द्वारा गिरफ्तार किए गए तस्करों से हुए खुलासे में जग्गू का नाम सामने आना भी जेल के कर्मचारियों में शामिल उन काली भेड़ों का इन अपराधियों के साथ मिलीभगत होने की तरफ इशारा कर रहा है। एस.टी.एफ. द्वारा कुख्यात गैंगस्टर कमल कुमार उर्फ बोरी की गिरफ्तारी के उपरांत कई खुलासे किए गए थे, बावजूद इसके उसकी बैरक से 2 मोबाइल मिलना कहीं न कहीं इस बात की ओर भी इशारा कर रहा है कि वह आज भी जेल में बैठकर अपने नैटवर्क चला रहा है। यह जेल के उच्च अधिकारियों के लिए एक विशेष जांच का विषय है।