Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 07:45 AM
मंगलवार दोपहर 2.30 बजे के करीब बस्सी गुलाम हुसैन के श्मशानघाट में 3 दिन पहले टांडा रोड पर बूरेजट्टां गांव के पास हुए भीषण सड़क हादसे में मारे गए एक ही परिवार के 5 लोगों की चिताएं जलती देख वहां मौजूद परिजनों, रिश्तेदारों, गांववासियों व आसपास के...
होशियारपुर (अमरेन्द्र): मंगलवार दोपहर 2.30 बजे के करीब बस्सी गुलाम हुसैन के श्मशानघाट में 3 दिन पहले टांडा रोड पर बूरेजट्टां गांव के पास हुए भीषण सड़क हादसे में मारे गए एक ही परिवार के 5 लोगों की चिताएं जलती देख वहां मौजूद परिजनों, रिश्तेदारों, गांववासियों व आसपास के गांवों से भारी संख्या में पहुंचे लोगों की आंखों से आंसुओं का सैलाब बह उठा। हादसे में मौत का शिकार हुए गुरदीप सिंह, उसकी पत्नी कुलदीप कौर तथा दोनों बेटियों ईशिका व गुनिका को एक साथ चिता पर लिटाया गया तो इस मंजर को देख परिजनों की जहां चीखें निकलने लगीं वहीं मौजूद लोगों की आंखों से भी अश्रुधारा बह उठी।
कुलविन्द्र ने दी भाई-भाभी व भतीजियों को मुखाग्नि
हादसे का शिकार अमरीक सिंह की चिता को मुखाग्नि उसके बेटे गगनदीप सिंह ने दी वहीं अपने छोटे भाई व उसकी पत्नी और दोनों भतीजियों को मुखाग्नि दुबई से लौटे गुरदीप सिंह के बड़े भाई कुलविन्द्र सिंह ने दी। इस दौरान परिवार की महिलाएं एक-दूसरे से लिपटकर बिलखने लगीं। उल्लेखनीय है कि इस हादसे में घायल हुई कुलविन्द्र सिंह की पत्नी जसविन्दर कौर व बेटी मन्नत अब भी बंगा के अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
गांव में पहली बार दिखा ऐसा दर्दनाक मंजर
बस्सी गुलाम हुसैन गांव के बाहर श्मशानघाट में गांव के सरपंच प्रेम भारद्वाज, पूर्व सरपंच ठाकुर नरवीर सिंह नंदी व इसी गांव के निवासी पूर्व सांसद अविनाश राय खन्ना के राजनीतिक सचिव व भाजपा नेता संजीव तलवाड़ ने बताया कि गांव के इतिहास में पहली बार एक साथ 5 चिताएं जली हैं। इससे पहले जून 2007 में गांव के मंगा व पिंदा नामक युवक ऊना के पास स्वां नदी में डूबे थे तब दोनों की चिताएं एक साथ जली थीं।