Edited By Sunita sarangal,Updated: 01 Mar, 2020 10:35 AM
अकाऊंटैंट व डाटा एंट्री ऑप्रेटर की सेवाएं समाप्त करने का पत्र भी किया जारी
अमृतसर(दलजीत): जिले में पंजाब का सबसे बड़ा मिड-डे मील घोटाला सामने आया है। विभाग द्वारा 1700 क्विंटल चावल खुर्द-बुर्द करने के 1 साल बाद रिकवरी मामले में 3 जिला शिक्षा अधिकारी एलीमैंटरी, 1 उप जिला शिक्षा अधिकारी व 1 ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को चार्जशीट किया है, जबकि अकाऊंटैंट व डाटा कम्प्यूटर ऑप्रेटर की सेवाएं समाप्त करने का पत्र जारी कर दिया है। विभाग इन पर कानूनी कार्रवाई करने को उच्च अधिकारियों से भी संपर्क किया जा रहा है। यह खुलासा आर.टी.आई. एक्टिविस्ट जय गोपाल लाली व सुधीर सूरी द्वारा जुटाए गए सरकारी दस्तावेजों से हुआ है।
जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2018 में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए तिमाही राशन मिड-डे मील के तहत भेजा गया था। विभाग के कर्मचारियों ने 1700 क्विंटल चावल एफ.सी.आई. से उठाकर एन.जी.ओ. को देना था जो एन.जी.ओ. को नहीं पहुंचाया गया। मामला विभाग के ध्यान में आने पर 1 वर्ष के बाद उक्त राशन विभाग ने बरामद कर लिया और तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी एलीमैंटरी व उप जिला शिक्षा अधिकारी एलीमैंटरी के पद पर तैनात रहे 4 अधिकारियों समेत एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को चार्जशीट कर दिया, तत्कालीन अकाऊंटैंट सहित डाटा एंट्री ऑप्रेटर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भेजे स्पष्टीकरण में से संतुष्ट न होने पर विभाग ने उनकी सेवाएं समाप्त करने का पत्र जारी कर दिया है। वहीं मामले की जांच सेवानिवृत्त पी.सी.एस. अधिकारी एन.एस. बराड़ कर रहे हैं। वहीं जांच में चार अफसरों में से दो सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
कई मामलों का नहीं लिया गया संज्ञान
दूसरी ओर आर.टी.आई. एक्टिविस्ट जय गोपाल लाली व सुधीर सूरी ने कहा कि विभाग के कुछ अफसर, कर्मचारी मिड डे मील योजना को ग्रहण लगा रहे हैं। विभाग के ध्यान में ये मामला न आता तो लाखों रुपए के अनाज की रिकवरी नहीं हो पाती। इससे पहले भी जिले में कई स्थानों पर मिड-डे मील के मामले खुलासे हुए हैं, जिनका विभाग ने अभी तक संज्ञान नहीं लिया है। विभाग को चाहिए कि मामले की गहराई तक जाकर जांच कर विद्यार्थियों का राशन खाने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई करे।
मामले की जांच चल रही है : समरा
इस संबंध में मिड-डे मील सोसाइटी पंजाब के मैनेजर परब चरण सिंह ने कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं कह सकते, उच्च अधिकारियों से बात की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी सलविंदर सिंह समरा ने कहा कि मामले की जांच जारी है, उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है कि कौन सी धारा के तहत मामला दर्ज करवाया जाए। शिक्षा सचिव भी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।