Edited By Updated: 20 Apr, 2017 12:13 AM
पंजाब स्टेट रैगुलेटरी कमीशन द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए बिजली की वास्तविक दरें व 2 वर्षों ...
चंडीगढ़(शर्मा): पंजाब स्टेट रैगुलेटरी कमीशन द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए बिजली की वास्तविक दरें व 2 वर्षों के लिए सांकेतिक दरें निर्धारित करने के लिए पावरकॉम के प्रस्ताव पर फैसला लेने से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सभी वर्गों के लिए बिजली 5 रुपए प्रति यूनिट देने की घोषणा ने कमीशन को भी दबाव में डाल दिया है।
हालांकि कमीशन दरें निश्चित करने के लिए इलैक्ट्रिसिटी एक्ट के प्रावधानों के तहत बाध्य है लेकिन इस बात की पूर्ण संभावना है कि एक्ट में 20 प्रतिशत की क्रॉस सबसिडी निश्चित करने के कमीशन के अधिकार का प्रयोग मुख्यमंत्री की घोषणा को मूर्त रूप देने के लिए किया जाएगा लेकिन कमीशन से जुड़े सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री की घोषणा का लोगों के लिए कहीं जुमला न साबित हो, इसके लिए कमीशन द्वारा दरें निर्धारित करते समय टू पार्ट टैरिफ का सहारा लेकर खपत की दरों पर वसूली के अलावा मंजूर लोड के अनुसार शुल्क वसूला जाएगा। इस तरह दरें तो हर वर्ग के लिए 5 रुपए प्रति यूनिट के आसपास निर्धारित की जाएंगी लेकिन पावरकॉम के राजस्व के अंतर को पूरा करने व सरकार पर सबसिडी का अधिक दबाव न पड़े, इसके लिए हर वर्ग के लिए मंजूर बिजली लोड के अनुसार निश्चित शुल्क अलग-अलग निर्धारित किया जाएगा।
यह है पावरकॉम का प्रस्ताव
प्रस्ताव के अनुसार पावरकॉम के राजस्व अंतर को समाप्त करने के लिए बिजली की दरें लगभग 54 प्रतिशत तक बढ़ाने की जरूरत दर्शाई गई है। हालांकि कमीशन ने इस प्रस्ताव पर निर्धारित मापदंडों के अनुसार गणना कर पावरकॉम की राजस्व जरूरत का निर्धारण कर दरें निश्चित करनी हैं लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार अब खेल सिर्फ निश्चित शुल्क के निर्धारण पर खेला जाएगा। पावरकॉम ने सिंगल पार्ट टैरिफ व टू-पार्ट टैरिफ में राजस्व तटस्थता बनाए रखने के लिए 2 किलोवाट मंजूर बिजली लोड के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 25 रुपए प्रति किलोवाट, 2-10 किलोवाट लोड पर 30 रुपए,10-50 किलोवाट मंजूर लोड पर 35 रुपए तथा 50 से अधिक किलोवाट बिजली लोड पर 40 रुपए प्रति के.वी.ए. निश्चित शुल्क की सिफारिश की है।
इसी तरह अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली के मंजूर लोड के अनुसार निश्चित शुल्क की अलग-अलग दरों की सिफारिश की गई है। अब इस निश्चित शुल्क के निर्धारण के साथ ही विभिन्न श्रेणियों की बिजली दरें 5 रुपए प्रति यूनिट निश्चित करने का खेल खेला जाएगा ताकि मुख्यमंत्री की घोषणा भी जुमला न प्रतीत हो और पावरकॉम के राजस्व कमी की भरपाई सुनिश्चित करने के साथ-साथ सरकार पर भी सबसिडी का अधिक बोझ न पड़ सके।
टू-पार्ट टैरिफ के तहत कम बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं के मुकाबले अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए बिजली की औसत दर कम होगी क्योंकि अधिक बिजली खपत पर भी निश्चित शुल्क में कोई बदलाव नहीं होगा। उदाहरण के लिए मंजूर बिजली लोड के अनुसार 100 रुपए निश्चित शुल्क वाली श्रेणी का उपभोक्ता यदि 4 रुपए की दर पर 100 यूनिट बिजली की खपत करता है तो उसका कुल बिल होगा 500 रुपए यानी औसतन 5 रुपए प्रति यूनिट होगा। यदि यही उपभोक्ता 300 यूनिट बिजली खपत करता है तो उसका बिल आएगा 1300 रुपए यानी औसतन 4.33 रुपए प्रति यूनिट।