Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jul, 2017 01:38 AM
पिछले लंबे समय से लचर सुरक्षा व्यवस्था के चलते समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी ....
लुधियाना(स्याल): पिछले लंबे समय से लचर सुरक्षा व्यवस्था के चलते समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी लुधियाना की सैंट्रल जेल रविवार तड़के 4 बजे उस समय पुलिस छावनी में तबदील हो गई, जब डी.आई.जी. (जेल) लखविंद्र सिंह जाखड़ 400 पुलिस जवानों की टीम सहित औचक छापामारी करने पहुंच गए। इस टीम का नेतृत्व ए.डी.सी.पी.-1 रतन सिंह बराड़, ए.डी.सी.पी कुलदीप शर्मा, ए.सी.पी. सैंट्रल मनदीप सिंह, ए.सी.पी. हरकंवल कौर साहनेवाल, ए.सी.पी-4 पवनजीत, ए.सी.पी. रमनदीप गिल व 13 एस.एच.ओज कर रहे थे।
वहीं डी.आई.जी. की अचानक दस्तक से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया, क्योंकि इस कार्रवाई की जेल सुपरिंटैंडैंट तक को भी भनक नहीं थी। लगभग साढ़े 3 घंटे तक चली कार्रवाई में पुलिस जवानों ने जेल का चप्पा-चप्पा छान मारा, जिसमें 2 मोबाइल फोन भी बरामद हुए। यह औचक निरीक्षण को डी.आई.जी. जेल ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से तालमेल करके अंजाम दिया है। ज्ञात रहे कि पहले 10 जुलाई 2016 को ऐसा ही औचक निरीक्षण किया गया था परंतु उसमें मात्र 45 पुलिस कर्मी ही मौजूद थे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि उक्त सर्च टीम जेल के बाहर रात्रि 2 बजे के करीब पहुंच गई थी, जिसके बाद जेल सुपरिंटैंडैंट को सूचित किया गया और सुबह 4 बजे कार्रवाई शुरू हुई।
खुफिया दस्ते होंगे तैनात: जाखड़
डी.आई.जी. जेल लखविंद्र सिंह जाखड़ ने बताया कि यह औचक छापामारी जेल व पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों से आपसी तालमेल के बाद की गई है। जेल सुपरिंटैंडैंट सहित अन्य किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को इसकी भनक नहीं थी। उन्होंने बताया कि लुधियाना की सैंट्रल जेल में पिछले लंबे समय से वर्जित सामान अंदर पहुंचने और मोबाइल फोन मिलने की बढ़ रही घटनाओं के बाद ही औचक निरीक्षण की रूपरेखा तैयार की गई। उन्होंने बताया कि जेल दीवार के साथ बाहरी रास्ते से अंदर वर्जित सामान फैंकने की घटनाओं के मद्देनजर जहां पुलिस गश्त बढ़ाने के बाद पुलिस कर्मी भी तैनात किए गए हैं, वहीं अब खुफिया दस्ते भी तैनात किए जा रहे हैं, जो हर गतिविधि पर पूर्ण नजर रखेंगे।
2 मोबाइल और बीडिय़ां बरामद, ऐसे हुई कार्रवाई
- सुबह 4 बजे जेल परिसर में आकर रुकीं 60 गाडिय़ां।
- 400 पुलिस जवान उतरे, जेल बनी छावनी।
- डी.आई.जी. जेल सहित लुधियाना पुलिस उच्चाधिकारी कर रहे थे नेतृत्व।
- करीब 3.30 घंटे चला सर्च अभियान।
- 7.42 बजे जेल बाहर निकली टीम।