Edited By Vatika,Updated: 03 Apr, 2018 03:44 PM
गोद में बेटे की आखिरी निशानी और बेबस आंखों में आंसू, दिल को छलनी करती ये तस्वीरें गुरदासपुर के गांव रूपोवाली की हैं। करीब 5 साल पहले इस परिवार का पुत्र कंवलजीत रोजी-रोटी कमाने के लिए र्इराक गया था पर अब लाश के नाम पर वापिस आया तो सिर्फ़ उसका ताबूत।
गुरदासपुरः गोद में बेटे की आखिरी निशानी और बेबस आंखों में आंसू, दिल को छलनी करती ये तस्वीरें गुरदासपुर के गांव रूपोवाली की हैं। करीब 5 साल पहले इस परिवार का पुत्र कंवलजीत रोजी-रोटी कमाने के लिए र्इराक गया था पर अब लाश के नाम पर वापिस आया तो सिर्फ़ उसका ताबूत।
सोमवार को जैसे ही कंवलजीत की लाश गांव में पहुंची तो हर तरफ़ मातम छा गया। जिस पिता का कवंलजीत ने सहारा बनना था, उसी पुत्र की चिता को अपने हाथों से अग्नि देते देख हर आंख नम हो गर्इ।
उधर, गांव तलवंडी में 4 वर्षों से बेटे का इंतजार कर रही मां की उम्मीदें तब टूट गई, जब र्इराक से पुत्र धरमिन्दर कुमार ताबूत में बंद होकर आया। गांव के शमशान भुमि में धरमिन्दर कुमार का अंतिम संस्कार किया गया।