Edited By Vatika,Updated: 03 Apr, 2018 02:08 PM
गांव बबोवाल में माहौल उस समय गमगीन हो गया जब र्इराक में मारे गए हरसिमरनजीत सिंह का ताबूत उसके पैतृक गांव पहुंचा। परिवार जहां हरसिमरनजीत के जिंदा वापिस लौटने के इंतजार में था वहीं उसके विदेश से आए ताबूत ने उनकी उम्मीदों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया ।
अमृतसरः गांव बबोवाल में माहौल उस समय गमगीन हो गया जब र्इराक में मारे गए हरसिमरनजीत सिंह का ताबूत उसके पैतृक गांव पहुंचा। परिवार जहां हरसिमरनजीत के जिंदा वापिस लौटने के इंतजार में था वहीं उसके विदेश से आए ताबूत ने उनकी उम्मीदों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया ।
रोते-बिलखते हुए बहन ने कहा कि भगवान किसी का भार्इ ऐसे मत खोएं। सरकार ने हमें धोखे में रखा, हमें हमारा बच्चा चाहिए। उक्त बातें सुन वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गर्इ। परिवार, गांव वासियों और रिश्तेदारों ने हरसिमरनजीत को अंतिम विदाई दी।
उधर, मजीठा से विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया भी परिवार के साथ दुख सांझा करने के लिए पहुंचे। बता दें कि र्इराक में मारे गए 27 पंजाबियों में से 7 युवक मजीठा हलके के है , जिनके परिवारों का रो-रो कर बुरा हाल है।