Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jun, 2017 08:11 AM
वाटर सप्लाई एंड सैनीटेशन डिपार्टमैंट की लोगों की तरफ पैंडिंग पड़ी करोड़ों रुपए की राशि को वसूलने का सारा भार अब सरकार के बने सांझ केंद्रों पर होगा। 10 से 15 सालों के करोड़ों रुपए के पैंडिंग बिलों को सांझ केंद्र वाले लेंगे।
पटियाला(प्रतिभा): वाटर सप्लाई एंड सैनीटेशन डिपार्टमैंट की लोगों की तरफ पैंडिंग पड़ी करोड़ों रुपए की राशि को वसूलने का सारा भार अब सरकार के बने सांझ केंद्रों पर होगा। 10 से 15 सालों के करोड़ों रुपए के पैंडिंग बिलों को सांझ केंद्र वाले लेंगे। इसके लिए डिपार्टमैंट लैवल पर एक प्रपोजल तैयार करके संबंधित अथारिटी को भेजा जा चुका है और अथारिटी इस बारे में जल्द ही निर्देश जारी कर देगी। यानी बहुत जल्द जिले के 15 करोड़ रुपए के बिल अब सांझ केंद्र का स्टाफ लोगों से वसूलेगा। गौरतलब है कि वाटर सप्लाई एंड सैनीटेशन डिपार्टमैंट लोगों की तरफ पैंडिंग पड़ी बकाया राशि को निकलवाने में असफल रहा है।
पंजाब भर में 300 करोड़ रुपए डिपार्टमैंट के लोगों की तरफ फंसे हुए हैं और जिले में 15 करोड़ रुपए पैंडिग है। ऐसे में डिपार्टमैंट के पास कोई बहुत पुख्ता स्कीम नहीं रही कि इतनी बड़ी रकम को लोगों से वसूला जाए। बस खानापूर्ति के लिए लोगों को नोटिस जरूर निकाले गए लेकिन उन नोटिसों को लेकर लोगों ने कोई खास दिलचस्पी ही नहीं दिखाई तो बिल भरने की बात तो दूर की है। हालांकि अथारिटी की मानें तो उनकी तरफ से कई बार प्रपोजल तैयार करके भेजे गए हैं पर किसी न किसी वजह से वो इंप्लीमैंट नहीं हो सके लेकिन इस बार सांझ केंद्रों को जिम्मेदारी देने की योजना को मजबूत तरीके से बनाया गया है। ताकि करोड़ों रुपए के पैंडिंग बिल डिपार्टमैंट को मिल सकें।
अब तो नई सरकार ही कोई सख्त कदम उठाए
राजिंद्र सिंहडिपार्टमैंट के एस.ई. राजिंद्र सिंह ने कहा कि करीब 10 सालों का पूरे पंजाब का 300 करोड़ रुपया बकाया है। डिपार्टमैंट अपनी तरफ से कोशिश कर रहा है कि रिकवरी हो जाए पर लोग बिल देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में सरकार को नया प्रपोजल बनाकर भेजा है और इसे इंप्लीमैंट करने का इंतजार है क्योंकि अब तो नई सरकार ही कोई सख्त कदम उठाएगी तभी इतनी बड़ी रकम वसूल की जा सकेगी। डिपार्टमैंट स्टाफ की भी मजबूरी है, अगर जाकर कनैक्शन काटते हैं तो लोग फिर से जोड़ लेते हैं और अगर 3-4 फुट नीचे गड्ढा खोदकर कनैक्शन काटा जाए तो उसके लिए भी खर्चा करना होगा। एक कनैक्शन पर 250 से 300 रुपए खर्च आता है।
डिपार्टमैंट के पास तो पहले से ही पैसे नहीं हैं। अब कनैक्शन कटता है तो कुछ लोग जो बिल दे देते हैं, उनका कनैक्शन भी कट जाता है। हाल ही में रिकवरी के लिए स्टाफ को भेजा गया था तो पंजाब से 3-4 करोड़ रुपए की रिकवरी हुई। जिले में भी 15 लाख रुपए के करीब रिकवरी हुई है। लोगों के दिमाग में पिछली सरकार द्वारा ट्यूबवैल बिल माफ करने वाली बात बैठी है, उन्हें लगता है कि उनके वाटर सप्लाई के बिल भी माफ हैं।