300 एकड़ जमीन के मालिकों ने किया पराली न जलाने का फैसला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 02:20 PM

300 acres of land owners decided not to burn parali

एक तरफ जहां पंजाब सरकार की ओर से पराली न जलाने के जारी किए आदेशों के विरुद्ध बागी होते अधिकतर गांवों के किसानों ने अपने स्तर पर धान की पराली को आग लगाने की शुरूआत भी कर दी है, वहीं दूसरी तरफ सब डिवीजन निहाल सिंह वाला अधीन पड़ते छोटे से गांव रणसींह...

मोगा/रणसींह खुर्द(पवन ग्रोवर): एक तरफ जहां पंजाब सरकार की ओर से पराली न जलाने के जारी किए आदेशों के विरुद्ध बागी होते अधिकतर गांवों के किसानों ने अपने स्तर पर धान की पराली को आग लगाने की शुरूआत भी कर दी है, वहीं दूसरी तरफ सब डिवीजन निहाल सिंह वाला अधीन पड़ते छोटे से गांव रणसींह खुर्द से संबंधित कई किसानों ने पराली न जलाने का फैसला लेते वातावरण को बचाने के लिए बड़ा प्रयास किया है। यहां के किसानों ने गांव में 7 हैप्पी सीडर मशीनों से गेहूं की सीधी बिजाई करने की शुरूआत तो कर ही दी है। इसके साथ ही किसान वर्ग ने फैसला लिया है कि वे 300 एकड़ जमीन पर धान की कटाई उपरांत बची पराली को किसी भी कीमत पर आग नहीं लगाएंगे।

अन्य किसानों को भी दिया निमंत्रण 
उन्होंने बताया कि चाहे पराली को कुतरने के लिए लगाए गए यंत्रों से ये कंबाइनें दूसरी कंबाइनों के मुकाबले कम कटाई करती हैं लेकिन वातावरण को बचाने के लिए हमें ऐसा करना ही पड़ता है। एक और किसान गुरप्रीत सिंह का कहना था कि उनके द्वारा गांव के अन्य नौजवानों को इस तरफ प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव के पराली न जलाने वाले किसानों ने अन्य किसानों को भी यह निमंत्रण दिया कि वे वातावरण को बचाने के लिए पराली न जलाएं, वह किसानों की हरसंभव सहायता करेंगे।

गांव रणसींह खुर्द का रकबा 1500 एकड़ 
1150 वोट वाले गांव रणसींह खुर्द में कुल 1500 एकड़ के लगभग रकबा है। गांव के किसानों का कहना है कि खेतीबाड़ी विभाग के अन्य अधिकारियों समेत विशेषकर सहायक खेतीबाड़ी विकास अफसर डा. जसविन्द्र सिंह बराड़ की प्रेरणा से उन्होंने पराली को न जलाने का फैसला लिया है। गांव के किसान हरनेक सिंह ने बताया कि वह तो पिछले कुछ सालों से ही पराली को आग लगाने की बजाय गेहंू की सीधी बिजाई करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब पंजाब सरकार ने सख्ती की थी तो गांव के  कुछ कंबाइन मालिकों ने सरकार की ओर से कंबाइनों के लिए जरूरी किए यंत्र भी लगवा लिए हैं।

रणसींह खुर्द बनेगा अन्य गांवों के लिए प्रेरणास्रोत : डा. बराड़
सहायक खेतीबाड़ी विकास अफसर तथा राज्य पुरस्कार विजेता डा. जसविन्द्र सिंह बराड़ ने कहा कि गांव रणसींह खुर्द के किसानों ने पराली न जलाने का फैसला करके अन्य गांवों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि गांव की कंबाइनें तथा किसानों ने पराली को कुतरने के लिए मशीनें तथा एस.एस.एस. यंत्र लगवा लिए हैं।

उन्होंने कहा कि खेतीबाड़ी विभाग किसानों को पराली न जलाने संबंधी जागरूक कर रहा है। चाहे हाल की घड़ी 300 एकड़ जमीन के किसानों ने पराली न जलाने का फैसला किया है लेकिन खेतीबाड़ी विभाग को उम्मीद है कि सारे गांव के किसान ही पराली को आग नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि रीपर से पराली काटकर आग लगाने से वातावरण बड़े स्तर पर पलीत होता है, इसलिए किसानों को पराली को आग लगाने की बजाय सीधी बिजाई करनी चाहिए। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!