गन्ना पिंड में जहरीली शराब पीने से 3 की मौत

Edited By Vatika,Updated: 22 Apr, 2019 09:37 AM

3 died

गांव गन्ना पिंड में जहरीले नशों ने कहर बरपाया है, जबकि जहरीली शराब पीने से 12 घंटों में 3 लोगों की हो मौत गई है। एक के बाद एक मौत से गांव में मातम का माहौल है। गांव निवासियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन द्वारा नशामुक्त पंजाब बनाने की खाई कस्म पर सवाल भी...

फिल्लौर(भाखड़ी): गांव गन्ना पिंड में जहरीले नशों ने कहर बरपाया है, जबकि जहरीली शराब पीने से 12 घंटों में 3 लोगों की हो मौत गई है। एक के बाद एक मौत से गांव में मातम का माहौल है। गांव निवासियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन द्वारा नशामुक्त पंजाब बनाने की खाई कस्म पर सवाल भी उठाए।

सूचना के अनुसार फिल्लौर के नजदीकी गांव गन्ना पिंड में पिछले 12 घंटों में करनैल सिंह (40), गुरमेल सिंह (52) व तरसेम सिंह (55) की मौत हो गई है। मृतक करनैल सिंह के परिवार वालों ने बताया कि वह कबड्डी खिलाड़ी था और पिछले 7 वर्ष से नशों के टीके व चिट्टे के सेवन का आदी हो गया था। नशे की दवाई लेने के बावजूद भी उसने नशा नहीं छोड़ा। गत दिवस वह अपने ससुराल नूरमहल गया, जहां उसकी 20 अप्रैल को सायं 6.30 बजे मौत हो गई है, जबकि उसकी 1 लड़की व 2 लड़के हैं। यही हाल मृतक गुरमेल का था जो रिक्शा चलाकर अपने परिवार का गुजारा कर रहा था, जिसकी 20 अप्रैल को सायं 4.45 बजे नशे से मौत हो गई है, जबकि उसकी 4 लड़कियां व 1 लड़का है। मृतक तरसेम लाल मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण कर रहा था और उसकी 3 लड़कियां व 1 लड़का है। परिवार वालों के मुताबिक गांव में ही तैयार कर बिकने वाली कैमिकल शराब का आदी था और 21 अप्रैल को सुबह 5 बजे उसकी नशे से मौत हो गई है।

गांव वासियों को सुधारने के लिए एस.एस.पी. ने चलाई थी ‘कोशिश’ मुहिम
गांव के समाज सेवक नौजवान रामजी दास ने बताया कि उनका गांव गन्ना पिंड शुरू से ही अवैध शराब के धंधे व दूसरे अवैध कार्यों के लिए पंजाबभर में मशहूर रहा है। गांव वासियों को सुधारने के लिए मौजूदा डी.जी.पी. पंजाब दिनकर गुप्ता जो वर्ष 1995 में जालंधर जिले में बतौर एस.एस.पी. तैनात थे, उन्होंने एक ‘कोशिश’ मुहिम चलाई थी। इसमें पुलिस को सफलता भी मिली है। गुप्ता ने गांव के लोगों को गलत धंधे छोडऩे के लिए प्रेरित किया और गांव के 25 परिवारों के लड़के/लड़कियों को पुलिस में बतौर एस.पी.ओ. रैंक देकर भर्ती करके लिया, जो आज पुलिस विभाग में अच्छे पदों पर तैनात हैं। रामजी दास ने बताया कि दिनकर गुप्ता के यहां से चले जाने के बाद उल्टा यहां से पुलिस चौकी भी हटा दी गई, जिससे गांव वासी दोबारा अवैध कार्यों में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पहल करके गांव के बेरोजगार युवकों को नौकरियां उपलब्ध करा दे तो काफी हद तक बुरे कामों पर नकेल कसी जा सकती है।

चाय कप से भी सस्ती शराब, तस्कर धड़ल्ले से चला रहे कारोबार
गांव वासियों ने बताया कि उनके गांव में जहरीली कैमिकल शराब चाय के कप से भी सस्ती मात्र 10 रुपए में मिलती है। मोटे मुनाफे के चक्कर में गांव के ज्यादातर लोग इस धंधे में पड़ चुके हैं और वे धड़ल्ले से इस कारोबार कर रहे हैं। 

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