Edited By Vatika,Updated: 30 Jul, 2019 12:23 PM
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा सरकार बनाने से पहले श्री गुटका साहिब हाथ में लेकर पंजाब को नशामुक्त करने की कसम खाने के बावजूद राज्य में नशे का छठा दरिया युवाओं को जकड़ कर मौत के मुंह में ले जा रहा है। नशे की ओवरडोज से हो रही मौतों की कड़ी में सोमवार...
गिद्दड़बाहा(संध्या): कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा सरकार बनाने से पहले श्री गुटका साहिब हाथ में लेकर पंजाब को नशामुक्त करने की कसम खाने के बावजूद राज्य में नशे का छठा दरिया युवाओं को जकड़ कर मौत के मुंह में ले जा रहा है। नशे की ओवरडोज से हो रही मौतों की कड़ी में सोमवार को लंबी के गांव कक्खावाली के 22 वर्षीय युवक का नाम भी जुड़ गया।
उक्त युवक जगमीत सिंह पुत्र सुरजीत सिंह चाहे खुद अविवाहित था, लेकिन उसका बड़ा भाई नशे की वजह से जेल में है जिसके बीवी-बच्चों के साथ घर में उसके बुजुर्ग माता-पिता ही रह गए हैं। परिवार के पास 4 एकड़ जमीन थी, लेकिन वह भी सारी की सारी नशे की भेंट चढ़ चुकी है। परिवार का गुजर-बसर बहुत मुश्किल से हो रहा था। बुजुर्ग मां-बाप को बेटे की सुधरने की उम्मीद थी, लेकिन नशे की ओवरडोज से उसकी मौत होने से उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जगमीत के चचेरे भाई गुरमीत सिंह के अनुसार जगमीत की मौत नशे की ओवरडोज के कारण हुई है। उसने बताया कि उनके गांव में नशा बेचने और करने वालों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने अपने स्तर पर भी नशा रोकने के प्रयास किए, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सहयोग न देने के कारण नशा फल-फूल रहा है।
गांव के रविन्द्र सिंह ने भी नशे की बिक्री के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया तथा कहा कि महज बैठकों से नशा खत्म होने वाला नहीं है। गांव के सरपंच ने भी कहा कि उनके गांव में नशा सरेआम बिकता है। करीब आधा गांव नशे की चपेट में है। इसी की भेंट आज युवा चढ़ गया। नौजवान की मौत के बाद पूरा गांव दहल गया, जिसकी वजह है गांव के अन्य युवाओं का भी नशे की दलदल में धंसे होना। गांववासियों के अनुसार उनके गांव में कई युवा नशीले टीके लगाने के आदी हैं। उनके गांव में ही यह नशा मिलता है, लेकिन पुलिस कुछ नहीं करती। गांव की रहने वाली परमिन्द्र कौर ने बताया कि 2 साल से उसका बेटा नशे की चपेट में है, जो प्रतिदिन चिट्टे का इस्तेमाल करता है। पैसे न देने पर वह घर के सामान की तोड़-फोड़ करता है। उसे पुलिस भी कई बार ले गई, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया जाता है। उनकी करीब डेढ़ एकड़ पुश्तैनी जमीन नशे की भेंट चढ़ चुकी है।एक अन्य बुजुर्ग महिला ने बताया कि उसका बेटा नशे का आदी है। वह जितना भी कमाता है, सब चिट्टे में उड़ा देता है। वह खुद दिहाड़ी लगाती है, जबकि उसकी बहू बर्तन साफ कर बच्चों का पेट पालती है।