20 विधायकों को लैजिस्लेटिव असिस्टैंट नियुक्त किए जाने के आसार

Edited By Anjna,Updated: 04 May, 2018 07:46 AM

20 mlas to be appointed legislative assistant

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा लगभग 20 विधायकों को लैजिस्लेटिव असिस्टैंट नियुक्त किए जाने के आसार हैं। सरकारी सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कानूनी राय प्राप्त कर ली है तथा संभवत: 8 मई को मुख्यमंत्री द्वारा...

जालन्धर(धवन): पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा लगभग 20 विधायकों को लैजिस्लेटिव असिस्टैंट नियुक्त किए जाने के आसार हैं। सरकारी सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कानूनी राय प्राप्त कर ली है तथा संभवत: 8 मई को मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक में इस पर विचार किए जाने के आसार हैं। कई विधायकों ने लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स बनने के लिए अपनी लॉबिंग तेज कर दी है। 

बताया जाता है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स की नियुक्ति में अब और देरी नहीं की जाएगी तथा इस कार्य को मुख्यमंत्री मई महीने में ही सम्पन्न करना चाहते हैं। इस समय पंजाब मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 18 विधायक शामिल हैं जबकि एक विधायक राज्य विधानसभा का स्पीकर तथा एक विधायक डिप्टी स्पीकर के पद पर भी नियुक्त है। इस तरह 21 विधायक विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं। पहले यह कहा जा रहा था कि इनकी गिनती 16 हो सकती है परन्तु अब यह गिनती 20 तक पहुंचने की संभावना है।

मुख्यमंत्री सभी विधायकों को एडजस्ट करने के इच्छुक हैं। सरकार में अनेकों पद खाली पड़े हुए हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि शाहकोट विधानसभा सीट का उपचुनाव चाहे 28 मई को प्रस्तावित है परन्तु कोड ऑफ कंडक्ट केवल जालन्धर में ही लागू है। शेष पंजाब में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर कोई रोक नहीं है। अगर 8 मई की कैबिनेट बैठक में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार द्वारा लैजिस्लेटिव असिस्टैंट लगाने का निर्णय ले लिया जाता है तो उनकी नियुक्ति में अधिक देरी नहीं की जाएगी। पता चला है कि लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के पद भी महत्वपूर्ण रहेंगे क्योंकि उनके द्वारा मंत्रियों को की जाने वाली सिफारिशों पर मंत्रियों द्वारा अमल किया जाएगा। इस बात को मुख्यमंत्री यकीनी बनाने जा रहे हैं। 

लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के पद पूर्व में काम करते रहे मुख्य संसदीय सचिवों के समान होंगे परन्तु सरकार इन्हें लाभ वाले पदों से दूर रखने के लिए कानूनी कदम उठा लेगी ताकि अगर कल को यह मामला हाईकोर्ट में जाता है तो वहां पर सरकार को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके लिए मुख्यमंत्री ने पहले ही एडवोकेट जनरल को उचित कदम उठाने के लिए कह दिया है। मंत्रियों के साथ नियुक्त होने वाले लैजिस्लेटिव असिस्टैंट्स के रूप में विधायकों की नियुक्तियां होने के बाद वे भविष्य में मंत्री पदों के लिए दावेदार भी होंगे क्योंकि उन्हें इस पद पर कार्य करते हुए मंत्रियों की कार्यप्रणाली के बारे में पूरा अनुभव प्राप्त हो जाएगा। 

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