Edited By swetha,Updated: 25 Jul, 2019 12:14 PM
पंजाब नशे के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। युवाओं में नशे की लत कम होने का नाम नहीं ले रही है।
बरनालाः पंजाब नशे के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। युवाओं में नशे की लत कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कभी यहां पंजाब में युवा दूध-लस्सी पिया करता था, वहीं अब वह नशे का सेवन करते हैं। कई तो नशा न मिलने के कारण जान तक दे देते है। ऐसा ही मामला बरनाला में सामने आया है। यहां नशे न मिलने से परेशान 2 युवकों ने फंदा लगाकर जान दे दी है। जानकारी के अनुसार बरनाला के गांव बीहला में 2 युवक नशे के आदी थे। पर काफी समय से नशा न मिलने के कारण काफी परेशान थे। इसी कारण उन दोनों ने अनाज मंडी में पेड़ से फंदा लगाकर जान दे दी। युवकों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे काफी समय से नशे के आदी थे। वह उन्हें नशे की दलदल से निकालना चाहते थे।मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
9 लाख लोग लेते हैं ड्रग्स
यहां एक तरफ पंजाब सरकार नशे पर नकेल कसने के बड़े-बड़े दावें करती है। वहीं आंकड़ों कुछ और ही बयां करते हैं। आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 9 लाख लोग ड्रग्स लेते हैं। इसमें 3.5 लाख लोग एडिक्ट हैं। नशे से या इससे होनेवाली बीमारी से हर माह 112 लोगों की मौत हो रही है।
एड्स और हेपेटाइटिस की चपेट में युवा
एक ही सीरिंज से ड्रग्स लेने की वजह से युवाओं में एच.आई.वी (एड्स), हेपेटाइटिस-सी और हेपेटाइटिस-बी जैसी बीमारियां फैल रही हैं।
विधानसभा चुनाव- 2016 में रहा था मुख्य मुद्दा
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता हर मंच से ड्रग्स का मुद्दा उठा रहे थे। अकाली दल-भाजपा गठबंधन के लिए अपना बचाव करना मुश्किल हो गया था। गुटखा साहिब हाथ में लेकर 2016 में चार हफ्ते में ड्रग्स की कमरतोड़ देने का वादा करने वाले कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ड्रग्स को रोकने के लिए एस.आई.टी. का गठन किया। सरकार ने ड्रग्स के कारोबार को खत्म करने के लिए एक से एक बड़े कदम उठाए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले दावा किया कि ड्रग्स की कमर तोड़ दी गई है।
कोई भी जिला ऐसा नहीं जहां नशा की बिक्री न हो
पुलिस के आंकड़ें बताते हैं कि प्रदेश भर में ऐसा कोई भी जिला नहीं है, जहां नशे की बिक्री न हो रही हो। पिछले एक साल में प्रदेश भर में से 5350.67 किलोग्राम पोस्त बरामद किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा बरामदगी होशियारपुर जिले से है।