Edited By Updated: 15 Apr, 2017 03:47 AM
खड्डों की नीलामी में अब केवल 2 दिन ही शेष हैं। तीसरे दिन होने वाली नीलामी से पहले क्रशर....
जालंधर(पुनीत,शारदा): खड्डों की नीलामी में अब केवल 2 दिन ही शेष हैं। तीसरे दिन होने वाली नीलामी से पहले क्रशर इंडस्ट्री की सांसें थम गई हैं। उद्योगपतियों को इस बात का डर सता रहा है कि दोबारा से माइनिंग का ठेका यदि पुराने माफिया के पास चला गया तो वह मनमर्जी से माइनिंग के दाम वसूल करेगा जिससे अंतिम सांसें ले रही क्रशर इंडस्ट्री तबाह हो जाएगी।
क्रशर मालिकों का कहना है कि पिछले 10 वर्ष तक जिस माफिया ने माइङ्क्षनग से मोटी कमाई की है वह 18 अप्रैल को होने वाली नीलामी को अपने नाम करवाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा। इंडस्ट्री का कहना है कि ऑनलाइन होने वाली इस नीलामी में माफिया तय रेटों से कई गुना अधिक दाम देकर बोली को अपने नाम करवा लेगा जिसके प्रति सरकार को आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है लेकिन आलम यह है कि चुनाव दौरान बड़े-बड़े वायदे करने वाली कांग्रेस सरकार इस प्रति कोई ध्यान नहीं दे रही।
इंडस्ट्री का कहना है कि पंजाब की 59 खड्डों की नीलामी करवाने के स्थान पर सरकार को खड्डें अपने अधिकार क्षेत्र में रखकर उसमें माइनिंग करने की इजाजत दी जानी चाहिए। क्रशर मालिकों का कहना है कि सरकार जम्मू-कश्मीर अथवा हिमाचल की तर्ज पर बिजली बिलों पर टैक्स लगाकर माइनिंग करवाए। यदि सरकार प्रति टन टैक्स लेना चाहती है तो उसे चाहिए की वह 30 से 40 रुपए प्रति टन टैक्स लगाकर मृत्यु-शय्या पर लेटी क्रशर इंडस्ट्री को राहत दे।
उद्योगपतियों ने कहा कि पंजाब में माइनिंग बंद पड़ी होने कारण सैकड़ों क्रशर बंद पड़े हैं। 10,000 के करीब लेबर बेरोजगार हो गई है जिसके प्रति आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। कांग्रेस सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने पूछा कि चुनाव में लोगों के साथ रोजगार के वायदे करने वाली इस कांग्रेस सरकार के शासनकाल की शुरूआत में ही इतनी बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार होकर बैठ गए हैं। बताने योग्य है कि कांग्रेस सरकार ने वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की अगुवाई में 1 अप्रैल को कमेटी का गठन करके 1 माह के भीतर माइनिंग पॉलिसी लाने को कहा था, इस हिसाब से पॉलिसी आने में अभी समय लगेगा और 18 अप्रैल को यदि नीलामी हो गई तो माइनिंग का ठेका प्राइवेट हाथों में चला जाएगा और क्रशर इंडस्ट्री को शायद राहत नहीं मिल पाएगी तब पंजाब की जनता सस्ती रेत-बजरी को तरसती रहेगी।