Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 11:29 AM
पाकिस्तान में ज्यादातर हिन्दू परिवारों की क्या दशा है यह सारा विश्व जानता है लेकिन भारत में आकर भी पाकिस्तान के हिन्दुओं को कोई राहत नहीं मिल रही है।
अमृतसर (नीरज): पाकिस्तान में ज्यादातर हिन्दू परिवारों की क्या दशा है यह सारा विश्व जानता है लेकिन भारत में आकर भी पाकिस्तान के हिन्दुओं को कोई राहत नहीं मिल रही है। जानकारी के अनुसार 12 फरवरी 2018 को अटारी बार्डर क्रास करके भारत आए कराची (पाकिस्तान) के 140 हिन्दू हरिद्वार जाने को तरस रहे हैं लेकिन उनको वीजा नहीं दिया जा रहा है। उनको सिर्फ कराची से अमृतसर तक का वीजा मिला है और ये परिवार पिछले 3 दिनों से अमृतसर के पुलिस थानों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। पुलिस की तरफ से भी इनको चेतावनी दी जा चुकी है कि वे 16 फरवरी को पाकिस्तान लौट जाएं अन्यथा कानूनी कार्रवाई तय है।
पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए पाकिस्तान से आए विजय राणा व विपन खंडेला ने बताया कि वे अपने परिजनों, जिसमें बुजुर्ग व अन्य की अस्थियां साथ लेकर आए हैं और हरिद्वार जाकर इन अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करना चाहते हैं। सभी परिवारों के पास अपने उनके किसी न किसी परिजन की अस्थियां हैं लेकिन भारत सरकार की तरफ से उनको हरिद्वार जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। वे पिछले 3 दिनों से थानों के ही चक्कर काट रहे हैं और अमृतसर में भी हिन्दू तीर्थ स्थलों के दर्शन नहीं कर सके हैं।
पाकिस्तान जाकर इस्लाम अपनाना अच्छा
पिछले 3 दिनों से अमृतसर के पुलिस थानों की खाक छान रहे पाकिस्तानी हिन्दुओं के दिल में भारत सरकार के रवैये से काफी रोष है। उनका कहना है कि वे यह उम्मीद लेकर भारत आए थे कि उनको अमृतसर जाकर आगे हरिद्वार जाने की इजाजत मिल जाएगी लेकिन अभी तक उनको कोई राहत नहीं मिली है। जितने भी नेता उनसे मिलने के लिए आए हैं वे सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं जिससे वे बहुत दुखी हैं। इस प्रकार के हालात में तो पाकिस्तान जाकर अपना धर्म परिवर्तन कर लेना अच्छा है और इस्लाम धर्म अपनाना अच्छा है।
अमृतसर आए 140 हिन्दुओं को वीजा देने का काम पंजाब सरकार का नहीं बल्कि केन्द्र सरकार का है। इस मामले को केन्द्रीय विदेश मंत्रालय तक जिला प्रशासन की तरफ से पहुंचाया जा रहा है ताकि पाकिस्तानी हिन्दू परिवार अपने परिजनों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर सकें। -कमलदीप सिंह संघा (डिप्टी कमिश्नर) अमृतसर।