1127 कॉलेजों के बैंक खाते NPA, 100 से अधिक को नीलामी फरमान जारी

Edited By Vaneet,Updated: 10 May, 2018 03:54 PM

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पंजाब के करीब 1650 इंजीनियरिंग, मेडिकल, पॉलीटेक्निक, आर्ट व डिग्री कॉलजों व आईटीआई को लगभग तीन साल से ...

कपूरथला: पंजाब के करीब 1650 इंजीनियरिंग, मेडिकल, पॉलीटेक्निक, आर्ट व डिग्री कॉलजों व आईटीआई को लगभग तीन साल से डा. बी.आर. आंबेडकर छात्रवृति के 1682 करोड़ रुपए नहीं मिल सका है। इसके चलते अधिकाश कालेज बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं। कई कालेज मालिकों की ओर से अपनी जायदाद एवं घर गिरवी रख कर लोन से काम चलाने की कोशिश की गई थी, लेकिन तीन सालों से स्कॉलरिशप का पैसा जारी न होने से अब वह लोन का ब्याज भी चुकाने के सक्षम नहीं रहे हैं। इस समय राज्य के 1127 निजी कॉलजों के बैंक खाते एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) हो चुके हैं, जबकि 100 से नीलामी किए जाने का पर फरमान जारी कर दिया है। 

2 लाख कर्मचारियों को वेतन नहीं-
राज्य के विभिन्न प्राइवेट कॉलेजों में कार्यरत करीब दो लाख कर्मचारियों को छह माह से वेतन नहीं मिला है। स्कॉलरशिप की राशि न मिलने से राज्य के अधिकाश निजी कॉलेजों की आर्थिक दशा बेहद खराब हो चुकी है। अब तो स्टाफ को वेतन देने के लिए लोन भी मिलना मुश्किल हो गया है। इज्जत व कॉलेज बचाने के लिए के लिए कई मालिक अन्य जायदाद को बेच कर प्रबंध करने की कोशिश कर रहे हैं। 1650 कॉलेजों में करीब 70 फीसदी के बैंक खाते एनपीए हो चुके हैं। राज्य के विभिन्न बैंकों ने गांरटी के तौर पर सूबे के करीब 100 निजी कॉलेजों की गिरवी रखी जमीन व अन्य जायदाद को नीलाम करने का फरमान जारी कर दिया है, जिसके चलते कॉलेज मालिक लाचार हो गए हैं।

विभिन्न स्ट्रीम के करीब 1650 रुपए अटके-
पंजाब के विभिन्न स्ट्रीम के करीब 1650 कॉलेजों को साल 2015-16 के 382 करोड़ रुपए, साल 2016-17 के 708 करोड़ रुपए, साल 2017-18 के 592 करोड़ रुपए अभी तक नहीं मिल सके हैं। पंजाब के विभिन्न कॉलेजों व यूनिवर्सिटी की ओर से एजुकेशन के सेक्टर पर करीब 62 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है, लेकिन लगभग चार पांच साल पहले सरकार की ओर से राज्य में एससी एवं ओबीसी विदथियों के लिए शुरू की गई डा. आंबेडकर पोस्ट मैट्रिक स्कॉलशिप स्कीम के आगाज से राज्य का उच्च शैक्षिणिक क्षेत्र घोर संकट के दौर में चला गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी किए जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि को राज्य सरकार की ओर से कॉलेजों को वितरित की जाती है।

कॉलेज प्रबंधक सरकार को हर साल देते हैं 1000 करोड़-
कन्फेडरेशन ऑफ पंजाब अनएडिड इंस्टीट्यूट के चेयरमैन व पूर्व मंत्री अश्वनी सेखड़ी ने बताया कि सभी कॉलेज पेपर फीस, कंटीन्यूशन फीस, काउंसलिंग व एफिलिएशन फीस के तौर पर 1000 करोड़ फीस के रूप में पंजाब सरकार को देते हैं। सरकार की तरफ से डा. आंबेडकर छात्रवृत्ति का 1682 करोड़ न दिए जाने से कॉलेज बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं।

आईटीआई कॉलेज के मालिक ने की खुदकुशी-
वहीं कन्फेडरेशन आफ पंजाब अनएडिड इंस्टीट्यूट के प्रधान अनिल चोपड़ा व महासचिव विपन शर्मा ने कहा कि मुक्तसर के एक आईटीआई कॉलेज के मालिक ने सरकार से 40 लाख लेना था और 25 लाख की उसकी देनदारी थी परंतु सरकार से पैसे न मिलने से तंग आकर वह खुदकुशी कर चुका है। 

केंद्र को लिखा है पत्र -
समाज कल्याण व सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव आर वेंकट रत्नम ने कहा कि कॉलेजों में फीस में हुई हेराफेरी में करीब 372 करोड़ रुपए की अनियमितताएं हैं। अभी 90 फीसद ऑडिट पूरा हुआ। स्कॉलरशिप के 1682 करोड़ रुपए जारी करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है।

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