Edited By Updated: 08 Feb, 2017 10:56 AM
गांव हवेली के चंदर शेखर समेत 10 पंजाबी युवकों की दुबई जेल से रिहाई की उम्मीद बन गई है। इन सभी को पाकिस्तानी युवक मोहम्मद इजाज के कत्ल में फांसी की सजा हो रखी है। सभी 26 अक्तूबर 2016 से जेल में हैं।
होशियारपुरः गांव हवेली के चंदर शेखर समेत 10 पंजाबी युवकों की दुबई जेल से रिहाई की उम्मीद बन गई है। इन सभी को पाकिस्तानी युवक मोहम्मद इजाज के कत्ल में फांसी की सजा हो रखी है। सभी 26 अक्तूबर 2016 से जेल में हैं। युवकों की रिहाई के लिए समाज सेवी सरबत का भला ट्रस्ट के चेयरमैन एस.पी. सिंह ओबराय ने पाकिस्तानी युवक के परिवार को समझौते के तहत 60 लाख रुपए (पाकिस्तानी करंसी) ब्लड मनी देने का वादा किया है। पंजाबी युवकों के परिवारों ने बताया, अदालत ने इस केस की अगली सुनवाई 27 फरवरी रखी है। उन्हें पूरी उम्मीद है, उस दिन उनके बेटे रिहा हो जाएंगे। परिवारों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब सरकार से भी मांग की है कि उनके बेकसूर बच्चों को छुड़वाने के लिए जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाएं।
मंगलवार को गांव हवेली में चंदर शेखर की माता रणजीत कौर, पिता मनजीत सिंह, बहन कमलजीत कौर ताया विजय लाल ने बताया, उन्होंने बाकी 9 युवकों के परिवारों को इकट्ठा कर बेटों को छुड़ाने की गुहार एस.पी. सिंह ओबराय से की थी। 10 महीने से उनके संपर्क में थे। ओबराय ने सारे खर्चे का प्रबंध अपनी तरफ से किया है।
चंदर शेखर (23) की मां रणजीत कौर ने बताया, 80 हजार रुपए कर्ज लेकर बेटे को 4 दिसंबर 2014 को दुबई काम करने भेजा था। ताकि उनकी गरीबी दूर हो सके। उसने 11 महीने में दो बार 13000 और 16000 रुपए घर भेजे लेकिन इसके बाद उसका कोई फोन नहीं आया। रणजीत कौर के मुताबिक एक दिन उन्हें चन्दर शेखर का फोन आया। कहा, वह 10 पंजाबी युवकों के साथ कत्ल केस में दुबई की ऑलाइन शहर की जेल में दो महीने में बंद है। उसने बताया, वे टाइलें बनाने का काम करते थे। काम खत्म कर कमरे में पहुंचे तो साथ वाले कमरे में कुछ युवक लड़ पड़े। इसमें इजाज की मौत हो गई। लड़ाई के बाद कुझ युवक उनके कमरे में घुस गए। पुलिस उनके कमरे में पहुंची और कत्ल के आरोप में उसे और 10 पंजाबी युवकों को पकड़ लिया। बीच में इजाज के परिवार से राजीनामे की बात चल रही थी। लेकिन कोर्ट ने सभी को दोषी करार देकर फांसी की सजा सुना दी।
दुबई के आलाइन शहर में कत्ल हुआ मोहम्मद इजाज पाकिस्तान के पेशावर का रहने वाला था। ओबराय के प्रयासों से ही उसका घर ढूंढा गया। इजाज गरीब परिवार से है। उसके घर में माता-पिता और उसके दो भाई हैं। सरबत का भला ट्रस्ट ने केस अपने एडवोकेट को सौंप रखा है। एसपी सिंह ओबराय ने बताया, अगली सुनवाई 27 फरवरी को है। उन्हें उम्मीद है, वह सभी युवकों को रिहा करवा लेंगे।