सियासत का मुख्य गढ़ है हलका सुनाम

Edited By Updated: 03 Jan, 2017 10:58 AM

punjab election 2017

राजनीतिक लिहाज से सुनाम हलका जिले की सियासत का मुख्य गढ़ है।

राजनीतिक लिहाज से सुनाम हलका जिले की सियासत का मुख्य गढ़ है। वित्तमंत्री ढींडसा के हलका छोडऩे और अमन अरोड़ा के कांग्रेस छोड़ कर आप का दामन थामने से यहां का राजनीतिक समीकरण बिगड़ गया है। कांग्रेस से दमन कौर बाजवा मैदान में हैं। कांग्रेस व अकाली दल के उम्मीदवार यहां नए हैं, लेकिन अमन अरोड़ा पुराने कांग्रेसी हैं। लिहाजा आप से उम्मीदवार बनने के बाद यहां का समीकरण बदल गया है। 
 
कुल वोटर : 1,77,942 
पुरुष: 94,687 
महिला: 83,252
 
पिछले चार चुनाव के नतीजे
वर्ष- विजेता- हारे- वोट अंतर 
-2012- परमिंदर ढींडसा (शिअद, 67766)- अमन अरोड़ा (कांग्रेस, 63112)-4654
-2007- परमिंदर ढींडसा (शिअद, 52270)- अमन अरोड़ी (कांग्रेस, 42138)- 10132
-2002- परमिंदर ढींडसा (शिअद, 44506)- कांग्रेस सोनिया दीपा (25831)- 18675 
-2000- परमिंदर ढींडसा (शिअद, 49007)- कांग्रेस परमेश्वरी देवी (32296)- 16711 
 
10 साल में खर्चे 500 करोड़: ढींडसा
विधायक परमिंदर सिंह ढींडसा का कहना है कि सुनाम हलके का सर्वपक्षीय विकास करवाया गया है। पिछले 10 साल में हलके के विकास पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इलाके के स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों को अपग्रेड किया गया है। सड़कों की दशा सुधारी गई है। शहीद ऊधम सिंह के घर को संवारा गया है और 15 करोड़ खर्च कर उनकी भव्य यादगार बनाई जा रही है। इस बार पार्टी के आदेश पर लहरागागा से चुनाव लड़ रहा हूं। 
 
हार देखकर भागे ढींडसा: अरोड़ा
आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अमन अरोड़ा ने कहा कि मात्र गलियां नालियां बनाने को विकास नहीं माना जा सकता। सुनाम में विकास नहीं होने का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि विधायक हलका छोड़कर भाग गए हैं। यदि विकास करवाया होता, तो वे यहां नहीं जाते। पिछले 10 साल में यहां कोई इंडस्ट्री नहीं लगी। बड़ी शैक्षणिक संस्था व हेल्थ इंस्टीट््यूट नहीं खुल सका है। यह सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है और लोग निराश है। 
 
रोजगार देना हमारी प्राथमिकता: दमन
कांग्रेस की प्रत्याशी दमन बाजवा ने कहा कि बुनियादी सहूलियतों से लोग महरूम हैं और यहां सफाई प्रबंधों की हालत खस्ता है। नौजवान वर्ग रोजगार के लिए तरस रहा है और क्षेत्र में जॉब ओरिएंटिड कोर्स के लिए कोई विशेष संस्थान नहीं है। नौजवानों को खेलों की तरफ आकर्षित करने में यहां के राजनेता असफल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र ऐसा दल है, जो लोगों की उम्मीद पर खरा उतरेगी। युवाओं को रोजगार देना हमारी प्राथमिकता में होगा।
 

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