बंद होगी पानी की बर्बादी, ओवर सप्लाई रोकने के लिए ट्यूबवैंलों पर लगेंगे टाइमर

Edited By swetha,Updated: 20 May, 2018 01:43 PM

stoppage of water will be stopped tubewells will be used to prevent over supply

महानगर में ट्यूबवैलों से ओवर सप्लाई होने के कारण हो रही पानी की बर्बादी आने वाले दिनों में बंद हो जाएगी, जिसके तहत नगर निगम प्रशासन ने ट्यूबवैंलों पर टाइमर लगाने का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है।

लुधियाना (हितेश): महानगर में ट्यूबवैलों से ओवर सप्लाई होने के कारण हो रही पानी की बर्बादी आने वाले दिनों में बंद हो जाएगी, जिसके तहत नगर निगम प्रशासन ने ट्यूबवैंलों पर टाइमर लगाने का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है।

नगर निगम द्वारा शहर में लगाए गए ट्यूबवैंलों से 10 घंटे वाटर सप्लाई देने का शैड्यूल बनाया हुआ है, जबकि ऑप्रेटर अपनी मर्जी या कौंसलर के कहने पर ओवर टाइम भी ट्यूबवैल चला देते हैं। इससे ग्राऊंड वाटर लेवल डाऊन होने के अलावा बिजली का बिल भी ज्यादा आ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए ट्यूबवैलों पर टाइमर लगाने की योजना बनाई गई। इसके तहत पहली बार तो सिंगल टैंडर आने के कारण मामला बिगड़ गया, लेकिन अब 3 टैंडर आने के बाद मेयर की मंजूरी लेकर ट्यूबवैलों पर टाइमर लगाने का काम शुरू करने के लिए कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है। 

आप्रेटरों की होगी छुट्टी 
नगर निगम द्वारा समय पर ट्यूबवैल चलाने के लिए 3100 रुपए महीना के हिसाब से ऑप्रेटर रखे हुए हैं। जिनकी नियुक्ति के लिए किसी तकनीकी योग्यता की जगह पार्षदों की सिफारिश को आधार बनाया जाता है। यही वजह है कि आप्रेटरों द्वारा ट्यूबवैल चलाने व बंद करने का काम तय शैड्यूल के मुताबिक नहीं किया जाता। यहां तक कि आप्रेटरों ने ट्यूबवैल का जिम्मा आगे किसी रेहड़ी वाले या दुकानदार को सौंपा हुआ है। जिस कारण ट्यूबवैल खराब होने की सूचना नगर निगम को समय पर न मिलने कारण उनकी रिपेयर में देरी होती है। अब नगर निगम ने जो ट्यूबवैलों पर टाइमर लगाने की योजना बनाई है, उसके तहत कई ट्यूबवैल का कंट्रोल इकट्ठा करके आप्रेटर की छंटनी भी की जाएगी। 

ओवर वाटर सप्लाई की वजह से पैदा हुए हालात

*नियमों के मुताबिक देना चाहिए 135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी
*निगम कर रहा 250 लीटर के हिसाब से सप्लाई
*सबमर्सीबल पंपों से निकल रहा पानी है अलग
*466 एम.एल.डी. है एस.टी.पीज की कपैस्टी
*पहुंच रहा करीब 700 एम.एल.डी. पानी
*1981 में 15 से 25 फुट तक मिलता था ग्राऊंड वाटर
*अब 90 से 120 फुट तक पहुंच गया वाटर लेवल
*हर साल फेल हो रहे 50 ट्यूबवैल

बुड्ढे नाले व एस.टी.पी. पर कम होगा लोड
जब भी बुड्ढे नाले में बिना ट्रीटमैंट के सीवरेज का गंदा पानी गिरने की बात आती है तो एस.टी.पी. ओवरलोड होने का हवाला दिया जाता है। इसके लिए जरूरी वाटर सप्लाई में कटौती का फैसला सियासी वजह से सिरे नहीं चढ़ रहा। हालांकि ट्यूबवैलों से ओवर वाटर सप्लाई बंद होने से बुड्ढे नाले व सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट पर लोड कम होगा।

 

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