खुद अपना दर्द बयां कर रही जर्जर इमारतें, फिर भी खानापूर्ति!

Edited By swetha,Updated: 28 May, 2018 01:29 PM

shabby buildings in amritsar

: गुरु नगरी में बाबा आदम के जमाने की सैंकड़ों इमारतें बारिश की दस्तक के साथ ही लोगों को डराने लग पड़ी हैं। पिछले कुछ दिन पहले अंदरूनी शहर में आग लगने से हादसे में 1 लड़की की मौत हो गई थी और घर भी खंडहर का रूप धारण कर चुका है।

अमृतसर(रमन) : गुरु नगरी में बाबा आदम के जमाने की सैंकड़ों इमारतें बारिश की दस्तक के साथ ही लोगों को डराने लग पड़ी हैं। पिछले कुछ दिन पहले अंदरूनी शहर में आग लगने से हादसे में 1 लड़की की मौत हो गई थी और घर भी खंडहर का रूप धारण कर चुका है। वहीं आसपास के पुराने घरों में भी दीवारों को दरारें आ गई हैं जिससे लोग दहशत में जी रहे हैं। बारिशों का मौसम दस्तक देने वाला है और नगर निगम के एम.टी.पी. विभाग द्वारा ऐसी कई इमारतों को चिन्हित किया हुआ है जो अति जर्जर हालत में है। इन इमारतों को गिराने के लिए हर साल खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं होता। निगम के पास 153 जर्जर इमारतों की सूची है और उनका सर्वे भी चल रहा है। 

हर साल बारिश में याद आती हैं जर्जर इमारतें
पिछले सालों में कई लोग जर्जरों इमारतों में गिरने से अपनी जान गवां चुके हैं। शहर के अंदरूनी इलाकों में बहुत-सी ऐसी बिल्डिंगों में लोग रह रहे हैं जोकि गिरने की कगार पर हैं। हर बार निगम द्वारा बरसात में एक-आध बिल्डिंग पर कार्रवाई करते हुए असुरक्षित इमारतों को गिराने के बाद अभियान निपट जाता है।

जर्जर इमारतों को लेकर बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर साल बारिश से पहले उन्हें जर्जर इमारतों की याद आती है और इसमें भी पिक एंड चूज की पॉलिसी अपनाई जाती है। कार्रवाई की पारदर्शिता के लेकर कई बार प्रश्न उठ चुके हैं। कुछ केसों में तो किराएदारों को निकालने के लिए मकान मालिक के दबाव में कार्रवाई होती रही है। 

भूकम्प, तेज तूफान-बारिश से डरते हैं लोग 
एक तरफ जहां भूकम्प, तेज तूफान-बारिश जर्जर इमारतों के लिए खतरा बन रही है, वहीं ऐसे में आया भूकम्प इन इमारतों के लिए और भी खतरा पैदा कर सकता है। लोगों का कहना है कि पिछले समय के दौरान जब तेज भूकम्प आया था तो इन इमारतों में रहने वाले लोगों की जान आफत में आ गई थी। अगर बरसात में ऐसी कोई कुदरती आपदा आ जाए है तो जानी-माली नुक्सान उठाना पड़ सकता है। आवश्यकता है कि निगम शहरवासियों के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए कोई कदम उठाए ताकि हादसे के कारण किसी को दिक्कत न उठानी पड़े। 

तारों के बने हैं जंजाल 

अंदरूनी शहर में एक ओर जहां जर्जर इमारतें हैं वहीं दूसरी ओर तारों के जंजाल लोगों के लिए आफत बने हुए हैं जिससे कई बार शॉट सर्किट से भी आग लगी है। इन घटनाओं में लोगों को लाखों का नुक्सान हुआ है। हर तरफ से लोगों का ही नुक्सान हो रहा है। 

इन इलाकों में हैं जर्जर इमारतें
कटड़ा आहलूवालिया, गली कदां, कड़ा बदिग्गयां, गली भाटडियां, प्रताप बाजार, गुरु बाजार, दर्शनी डयोढी, खूह बंबेवाला, गली धरेक वाली, घी मंडी गोदाम वाली गली, गली नंबर 2 रामानंद, राम गली, बाजार महां सिंह, जलियांवाला बाग के पास का एरिया, घंटाघर, चील मंडी, माई सेवाराम बाजार, हाल बाजार कैरों मार्कीट, बाजार सिरकी बंदा गली नलके वाली, कटड़ा चड़त सिंह, जंगी शिवाला के समीप, गली तवारियां लोहगढ़, गली लंबा वाली, हवेली जमांदारा, ढाब खटीकां, कटड़ा दूलो, गली जडऊ, किला बंगिया, गली शेखों वाली बेरी गेट, गली खाई वाली, भीड़ा बाजार, गिलवाली गेट, कटड़ा कर्म सिंह, कटड़ा दल सिंह, गली नागपाल, छत्तीस खुई, चौक हंसली वाला, मित सिंह, गली बेरी वाली कनक मंडी, गली गुज्जरां वाली, बाजार लक्ष्मणसर, बाजार राम गडिय़ां, गली जय सिंह, चौक बाबा अटल साहिब, चौक परागदास, माहणा सिंह रोड, गली मस्जित वाली, शास्त्री मार्कीट, पावरकॉम सिटी सर्कल बिल्डिंग आदि इलाकें में भी बिल्डिंगें हैं। 

नगर निगम के एम.टी.पी. इकबाल प्रीत सिंह रंधावा से सीधी बातचीत
1. सवाल : शहर में आपके पास कितनी जर्जर इमारतों की सूची है?
जवाब : हमारे पास 153 जर्जर बिल्डिंगों की सूची है।
2. सवाल : इस वर्ष बिल्डिंग को लेकर निगम द्वारा कुछ किया जा रहा है?
जवाब : जी हां, बिल्डिंगों को लेकर सर्वे चल रहा है जोकि 15 जून तक पूरा होगा। 
3. सवाल : पिछले समय में जर्जर बिल्डिंगों को लेकर विभाग ने क्या किया?
जवाब : हमारे द्वारा कुछ बिल्डिंगों को रिपेयर करवाया गया है। 
4. सवाल : पूरी जर्जर बिल्डिंगों के ऊपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
जवाब : कई बिल्डिंगों के कोर्ट केस चल रहे हैं और कई पर ताले। मालिकों का पता नहीं है। इसलिए कार्रवाई नहीं की गई। 
5. सवाल : विभाग द्वारा कार्रवाई के लिए क्या किया जाता है?
जवाब : हम जर्जर इमारतों को लेकर नोटिस निकालते हैं।
6. सवाल : इस वर्ष इन जर्जर इमारतों से निपटने के लिए क्या किया जा रहा है?
जवाब : 15 जून को सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद सभी बिल्डिंगों को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा। अधिकारियों को पहले से निर्देश दिए गए हैं। 

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