Edited By Updated: 18 Jun, 2016 10:53 AM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से 20 जून के बाद केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की जानी है। सूत्रों के अनुसार मोदी ..
पटियाला,(राजेश) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से 20 जून के बाद केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की जानी है। सूत्रों के अनुसार मोदी अपनी कैबिनेट में सिखी स्वरूप वाला मंत्री शामिल करना चाहते हैं।
बेशक मौजूदा समय सिख और पंजाबी कोटे में से हरसिमरत कौर बादल केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं परंतु मोदी चाहते हैं कि उनकी कैबिनेट में सिखी स्वरूप वाला मंत्री जरूर हो, जिसके लिए मोदी और अमित शाह तीसरी बार एम.पी. बने प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा को केंद्र में राज्य मंत्री बनाना चाहते हैं। इस बारे अमित शाह और मोदी ने इच्छा भी प्रकट की है परंतु पंजाब के राजनीतिक हालातों के कारण मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल चंदूमाजरा के मंत्री बनने के रास्ते में रोड़ा बने हुए हैं और उनके कारण ही चंदूमाजरा के नाम पर ब्रेक लगी हुई है। अकाली दल के लिए केंद्रीय कैबिनेट के लिए अपने कोटे से किसी सांसद का नाम भेजना परेशानी का सबब बना हुआ है क्योंकि मोदी की तरफ से अकाली दल का एक राज्य मंत्री बनाया जाना है।
वाजपेयी सरकार में एम.पी. सुखदेव सिंह ढींडसा कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। लिहाजा वह राज्य मंत्री बनकर अपनी डिमोशन नहीं करवाना चाहते। इसी तरह रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा पंजाब में कई बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वह भी राज्य मंत्री नहीं बनना चाहते जबकि श्री चंदूमाजरा को बादल परिवार केंद्र में मंत्री बनने नहीं देना चाहता। ऐसे में अकाली दल के लिए परेशानी बनी हुई है कि वह किस नेता को केंद्र में मंत्री बनाएं। यदि अकाली दल ने अपना नाम न दिया तो नवजोत सिंह सिद्धू को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा 2017 के विधानसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू के प्रचार का लाभ लेना चाहती है, जिस कारण पार्टी में विचार चल रहा है कि सिद्धू को संगठन की जिम्मेदारी दी जाए या फिर सरकार में राज्य मंत्री बनाया जाए। केंद्रीय कैबिनेट में सिखी स्वरूप वाला मंत्री शामिल करके भाजपा संदेश देना चाहती है कि उसके साथ हर धर्म के लोग हैं। इसलिए भाजपा ने नजमा हेपतुल्ला और मुख्तार अब्बास नकवी मुस्लिम चेहरे शामिल किए हैं। ऐसे में पार्टी एक सिख चेहरे को भी केंद्र सरकार में शामिल करना चाहती है।