15 सालों बाद डेयरियों को शहर से बाहर निकालने के प्रोजैक्ट ने पहना अमलीजामा

Edited By swetha,Updated: 22 Jan, 2019 10:39 AM

shifting of diaries

नगर निगम की तरफ से डेयरियों को शहर में से शिफ्ट करने के लिए तैयार किए गए प्रोजैक्ट को 15 साल बाद अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम की तरफ से 5 करोड़ 66 लाख रुपए के टैंडर लगा दिए गए हैं जोकि 4 फरवरी को खुलेंगे। यह पूरा प्रोजैक्ट 13 करोड़...

पटियाला(बलजिन्द्र): नगर निगम की तरफ से डेयरियों को शहर में से शिफ्ट करने के लिए तैयार किए गए प्रोजैक्ट को 15 साल बाद अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम की तरफ से 5 करोड़ 66 लाख रुपए के टैंडर लगा दिए गए हैं जोकि 4 फरवरी को खुलेंगे। यह पूरा प्रोजैक्ट 13 करोड़ 53 लाख रुपए का है। इसके साथ डेयरियों को शहर में से बाहर निकाला जाएगा। पटियाला शहर में से डेयरियों को बाहर करने का काम पिछले लंबे समय से लटकता आ रहा है। कई बार बैठकें हुईं, डेयरियों वालों को बुलाया गया, फाइलें चलीं परन्तु कुछ भी न हुआ। इस प्रोजैक्ट का नींव पत्थर 2003 में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने रखा था। 2007 में प्रदेश में अकाली-भाजपा सरकार आई। कई बार मीटिंगें हुईं, फाइलें चलीं परन्तु इस प्रोजैक्ट को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। 2017 में प्रदेश में फिर कांग्रेस की सरकार बनी तो पहले प्रोजैक्ट को मास्टर प्लान के मुताबिक तकनीकी तौर पर ठीक करवाया गया और अब सरकार की तरफ से सभी मंजूरियां मिलने के बाद नगर निगम की तरफ से इसके टैंडर लगा दिए गए हैं। 

शहर की 150 डेयरियां होंगी शिफ्ट
इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत 200 के लगभग प्लाट हैं, जहां शहर की 150 डेयरियों को शिफ्ट किया जाएगा। इस पूरे प्रोजैक्ट की कुल कीमत 13 करोड़ 53 लाख रुपए है। नगर निगम की तरफ से बाकायदा इसकी पूरी योजना तैयार की गई है और जिस तरीके से यह टैंडर लगाया गया है, से स्पष्ट है कि इस बार यह प्रोजैक्ट पूरा होगा।

सीवरेज जाम से मिलेगी मुक्ति
यदि नगर निगम शहर में से डेयरियों को शिफ्ट करने में सफल हो जाता है तो शहर में सीवरेज जाम से मुक्ति मिलेगी क्योंकि इस समय पटियाला शहर सीवरेज जाम सबसे बड़ी समस्या है और उसका सबसे बड़ा कारण डेयरी मालिकों की तरफ से पशुओं के गोबर को सीवरेज में पानी के साथ बहाना है। इस समस्या के साथ लगभग नगर निगम पिछले दो दशकों से जूझ रहा है और अब कहीं जाकर इस समस्या का हल होता नजर आ रहा है।

कब-कब क्या-क्या हुआ
*
2003 में मुख्यमंत्री पंजाब कै. अमरेंद्र सिंह ने 15 एकड़ में गांव अबलोवाल में प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखा। 
*2007 से 2012 दौरान मेयर अजीतपाल सिंह कोहली ने बहुत बार कोशिश की परन्तु यह प्रोजैक्ट फॉरैस्ट विभाग के ऐतराजों करके लटक गया।
*2013 में नगर निगम पटियाला ने 16 लाख रुपए की पांच एकड़ जमीन अपने कब्जे में ली।
*2014 में जुलाई में नगर निगम की तरफ से डेयरियों का सर्वे करवाया गया।
*2016 में टैंडर लगाया गया परन्तु नगर निगम के साथ डील नहीं हो सकी।
*2017 में एक कंपनी को 7 करोड़ में काम दे दिया गया परन्तु सरकार ने उस पर रोक लगा दी।
*सितम्बर 2017 में स्टेट टाऊन प्लाङ्क्षनग विभाग ने इस जगह पर ऑब्जैक्शन लगा दिया।
*अक्तूबर 2017 में नगर निगम की तरफ से मास्टर प्लान में संशोधन की कोशिश शुरू की गई।
*मार्च 2018 में पंजाब सरकार ने मास्टर प्लान में संशोधन को मंजूर कर लिया। 
*13 सितम्बर, 2018 को मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने नगर निगम को इस प्रोजैक्ट की मंजूरी दी।

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