यूनिवर्सिटी में कंट्रोलर लगने के लिए राजनीतिक आकाओं की शरण में पहुंचे दावेदार

Edited By swetha,Updated: 21 May, 2018 04:25 PM

punjabi university

पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की एग्जामीनेशन ब्रांच का कंट्रोलर लगने के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदार अपने-अपने राजनीतिक आकाओं की शरण में पहुंच चुके हैं और वी.सी. पर दबाव बना रहे हैं। दूसरी तरफ वाइस चांसलर डा. बी.एस. घुम्मन इस मामले पर पूरे सख्त हैं और...

पटियाला (जोसन): पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की एग्जामीनेशन ब्रांच का कंट्रोलर लगने के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदार अपने-अपने राजनीतिक आकाओं की शरण में पहुंच चुके हैं और वी.सी. पर दबाव बना रहे हैं। दूसरी तरफ वाइस चांसलर डा. बी.एस. घुम्मन इस मामले पर पूरे सख्त हैं और चाहते हैं कि ईमानदारी के साथ बिना किसी राजसी दबाव के एक अच्छा कंट्रोलर लगाया जाए जिससे पंजाबी यूनिवर्सिटी के दिल के तौर पर जानी जाती एग्जामीनेशन ब्रांच बिना किसी रुकावट के दौड़ती नजर आए। उल्लेखनीय है कि पंजाब केसरी ने विद्यार्थियों की हो रही बुरी दशा को प्रमुखता के साथ छापा था जिसके बाद वी.सी. इस मामले पर पूरे गंभीर हुए पड़े हैं।

अहम पोस्टों के लिए हमेशा यूनिवर्सिटी में होती है जद्दोजहद
पंजाबी यूनिवर्सिटी में अहम पोस्टों के लिए हमेशा जद्दोजहद होती है। यूनिवर्सिटी में अध्यापकों के कई ग्रुप हमेशा ही अपने-अपने गुटों का प्रोफैसर इन पोस्टों पर एडजस्ट करवाना चाहते हैं। अकाली सरकार के समय पर डा. पवन सिंगला प्रिंसीपल कैडर से आए थे। उनको अकादमिक समेत कालेजों को चलाने और विद्यार्थियों की समस्याओं का लंबा तजुर्बा था। यही कारण रहा कि वह लम्बे समय तक कंट्रोलर के पद पर टिके रहे और उन्होंने एग्जामीनेशन ब्रांच में लगातार सुधार किए। उनके बाद डा. सिद्धू ने भी कभी विद्यार्थियों को कोई दिक्कत नहीं आने दी परंतु अब इस ब्रांच पर काम से विद्यार्थी परेशान हैं और पिछले दिनों से वाइस चांसलर स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं जिससे विद्यार्थियों को कोई परेशानी न आए।

कंट्रोलर लगने के लिए रूल हैं पूरे सख्त 
पंजाबी यूनिवर्सिटी का कंट्रोलर लगने के लिए रूल एंड रैगुलेशन काफी सख्त हैं, यदि रूलों मुताबिक कंट्रोलर लगाया जाए तो वह इस ब्रांच को अच्छी तरह संभाल सकता है परंतु गैर अकादमिक तजुर्बों वाली शख्सियत इस ब्रांच का नुक्सान भी कर सकती है। जानकारी के अनुसार कंट्रोलर लगने के लिए कम से कम 15 साल का बतौर पंजाबी यूनिवर्सिटी से संबंधित कालेजों और अकादमिक तजुर्बा चाहिए। इसके साथ ही दावेदार को कालेजों के साथ संबंधित समझ भी होनी चाहिए और विद्यार्थियों की समस्याओं का भलीभांति पता होना चाहिए। वाइस चांसलर के पास पहुंच करने वाले कई दावेदार तो इस तजुर्बे से कोरे हैं।

272 कालेजों और 5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को संभालती है कंट्रोलर ब्रांच
पंजाबी यूनिवर्सिटी की कंट्रोलर ब्रांच के साथ पंजाब के 272 से अधिक कालेज जुड़े हुए हैं और हर सत्र में 5 लाख से अधिक विद्यार्थी 500 से अधिक कोर्सों के पेपर देते हैं। इस तरह कह लो कि यह ब्रांच सीधे तौर पर विद्यार्थियों के हितों की पैरवी करती है। इसके बाद पंजाबी यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले हजारों विद्यार्थियों के पेपर लेने से लेकर नतीजे निकालने तक की जिम्मेदारी इस ब्रांच की है। 
जबरदस्त राजनीतिक पै्रशर के कारण फैसला लेने में हो रही है देरी

पंजाबी यूनिवर्सिटी का कंट्रोलर लगने के लिए वाइस चांसलर डा. बी.एस. घुम्मन पर जबरदस्त राजनीतिक और अध्यापक ग्रुपों का दबाव है। बीते शुक्रवार इस बात का ज्यादा हल्ला पड़ा रहा कि आज शाम तक नए कंट्रोलर के आर्डर हो रहे हैं परंतु हो नहीं सके। यूनिवर्सिटी के गलियारों में अब इस ब्रांच की चर्चा बेहद तेज है। इस सबके बावजूद वी.सी. डा. घुम्मन एक सुलझे हुए विद्वान की खोज कर रहे हैं। 

अच्छा कंट्रोलर ढूंढना पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए सिरदर्दी बना
पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए अच्छा कंट्रोलर ढूंढना भी सिरदर्दी बना पड़ा है। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों 2 नामों पर चर्चा भी हो चुकी है और यह दोनों वी.सी. के पास जाकर हाथ बांध आए कि जी हमें माफी दें, हम कंट्रोलर नहीं लगना चाहते। दावेदारों के साथ-साथ अच्छे कंट्रोलर के लिए वी.सी. भी छानबीन करने में लगे हुए हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!